Acn18.com/आज वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया है। इसे अक्षय तिथि कहा गया है। ये दिन हर काम की शुरुआत के लिए सबसे शुभ माना गया है। ये दिन कई वजहों से खास माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु ने अलग-अलग युगों में अवतार लिए। इस तिथि पर ही कुबेर ने भगवान शिव की पूजा की तो उन्हें दैवीय संपत्ति के कोषाध्यक्ष का पद मिला था। इस दिन सूर्य पूजा करने से लंबी उम्र और अच्छी सेहत मिलती है। ये दिन किसानों के लिए भी खास होता है।
पुराणों के मुताबिक अक्षय तृतीया सौभाग्य और सफलता देने वाला पर्व भी है। इस दिन जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए प्रायश्चित करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसलिए अक्षय पर्व पर बुरी आदतों को भगवान के चरणों में अर्पित कर उनसे अच्छे गुणों का वरदान मांगना चाहिए। साथ इस दिन से नई शुरुआत का संकल्प लेना चाहिए।
अक्ष्रय तृतीया पर जन्म होने से परशुराम अमर हैं और आज भी धरती पर मौजूद हैं। नर-नारायण ने हिमालय पर तपस्या की। उनको बर्फ से बचाने लक्ष्मीजी ने बेर के पेड़ का रूप लिया। इस जगह को ही आज बद्रीनाथ धाम कहते हैं। हयग्रीव अवतार से ही आज वेद बचे हुए हैं। ये तीनों अवतार मानव कल्याण के लिए हुए हैं। इसलिए अक्षय तृतीया को कल्याणकारी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
किसानों के लिए नई फसल का दिन
किसान भी अखंड सुख-समृद्धि की कामना से अक्षय तृतीया पर फसलों की कटाई कर भगवान को चढ़ाते हैं। ताकि उस फसल से मिलने वाली ऊर्जा और सुख अक्षय रहे और फसल बेचने के बाद मिलने वाला पैसा हमेशा बढ़ता रहे। ये पर्व वसंत ऋतु में आने वाला आखिरी बड़ा पर्व होता है। इसके कुछ दिनों बाद ग्रीष्म ऋतु शुरू हो जाती है। ये किसानें के लिए नई फसल का दिन होता है।