Acn18.com/छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित चंदखुरी में 22 से 24 अप्रैल तक ‘माता कौशल्या महोत्सव’ मनाया जाएगा। तीन दिनों तक यहां सांस्कृतिक छटा बिखरेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश-प्रदेश के नाम गिरामी कलाकार प्रस्तुति देंगे। सीएम भूपेश बघेल अक्षय तृतीया त्यौहार पर भगवान राम के ननिहाल और माता कौशल्या की मायका चंदखुरी में इस महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान यहां बने पर्यटन कैफे का भी उद्घाटन करेंगे। इस कैफे में सैलानी छत्तीसगढ़ी व्यंजन का आनंद ले सकेंगे।
कौशल्या महोत्सव कार्यक्रम के लिए भव्य और आकर्षक मंच बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग की ओर से तैयार पर्यटन कैफे का भी उद्घाटन करेंगे। सैलानी पयर्टन कैफे में छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित मिलेट्स कैफे का आनंद ले सकेंगे।
स्व-सहायता समूह की स्टॉलों में होगी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर स्व-सहायता समूह की ओर से उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला स्व-सहायता के उत्पादित वस्तुओं को बेचने के लिए नौ स्टॉल बने हैं, जहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
ख्यातिप्राप्त कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुति
माता कौशल्या महोत्सव आस्था और भक्ति से सराबोर होंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ सहित देश के ख्यातिप्राप्त कलाकारों सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे।
दिखेगा वॉटर, लेजर, लाइट एवं साउंड का रोमांच
यहां पर श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव देखने को मिलेगा। राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत चंदखुरी के कौशल्या धाम परिसर में 10 करोड़ की लागत से तैयार वॉटर, लेजर, लाइट एवं साउंड शो शुभारंभ होगा। सीएम भूपेश इसका उद्घाटन करेंगे। श्रद्धालु माता कौशल्या धाम में वाटर, लाइट एवं लेजर शो के माध्यम से भगवान राम के वनवास और वनगमन पथ की कहानियों को सुन और देख सकेंगे। इस शो में माता कौशल्या के जीवन चरित्र को दिखाया जाएगा।
- राज्य सरकार ने माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने और प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास के लिए इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर माता कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी। माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है।
- छत्तीसगढ़ की शस्य श्यामला भूमि में रामायण काल की अनेक घटनाएं घटित हुई हैं, जिसका प्रमाण यहां की लोक संस्कृति, लोक कला, दंत कथा और लोकोक्तियाँ हैं। विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्रीराम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किया। चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है, जो दक्षिण कोसल के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध है।
- चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का अतिमहत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर स्थित है, जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है। प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है ।
- राम वगनमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत चंदखुरी में घाट का विकास एवं पैगौड़ा, प्रशासनिक ऑफिस, पब्लिक टॉयलेट, ज्योत हॉल, ब्रिज, एप्रोच रोड एवं फैसिलिटी, तालाब, लैंड स्केपिंग एंड फैसिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंटरनल और एक्सटरनल प्लंबिंग, बड़ा प्रवेश द्वार, तालाब गहरीकरण, रिटेनिंग वॉल, दीप स्तंभ, श्रीराम स्टेच्यू एवं गेट के काम पूरे हो चुके हैं।
- सीएम ने प्रदेशवासियों को दी अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अक्ति (अक्षय तृतीया) तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुए काम की पूर्णता निश्चित मानी जाती है, इसलिए यह दिन बहुत शुभ और अक्षय माना गया है। उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह के लिए भी इस दिन मुहूर्त नहीं देखा जाता। इस दौरान कई बाल-विवाह के मामले भी सामने आते है, जिससे समाज को मुक्त करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।