Acn18.com/माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर फायरिंग करने वाले शूटर्स अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ शिफ्ट किया गया है। नैनी जेल में अतीक का बेटा अली अहमद कैद है। ऐसे में गैंगवार के खतरे को देखते हुए अतीक-अशरफ के तीनों शूटर्स की जेल बदली गई है।
15 अप्रैल की रात 10:35 बजे हत्या कर दी गई थी। हमला करने वाले तीनों शूटर्स को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। जेल सूत्रों के मुताबिक अली पिछले दो दिनों से लगातार हंगामा कर रहा है। रविवार को वह पिता अतीक के जनाजे में जाने की भी जिद कर रहा था, लेकिन परमीशन नहीं मिली। सोमवार दोपहर में अली ने जोर-जोर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। जब तक वार्डन उसके पास पहुंचे उसने अपना सिर बैरक के गेट पर मारा, जिससे उसके सिर में चोट आ गई है।
जेल सूत्रों के अनुसार अली अपने भाई असद के एनकाउंटर के बाद से ही परेशान है। पिछले तीन रातों से वह सोया भी नहीं है। जेल का खाना खाने से भी इनकार कर दिया है। वह बार-बार सिर्फ एक ही बात कह रहा है कि धोखे से हमारे भाई को मार दिया, अब्बू और चाचा को भी मार दिया।
जेल में बंद दोनों बेटों की बिगड़ी थी तबीयत
शनिवार रात अतीक और अशरफ की हत्या की जानकारी मिलते ही अली की तबीयत बिगड़ गई थी। जेल अस्पताल की मेडिकल टीम ने बैरक में ही उसका इलाज किया था। इधर लखनऊ जेल में बंद अतीक के बड़े बेटे उमर की भी तबीयत खराब हो गई थी। जेल सूत्रों के अनुसार, दोनों ने जनाजे में शामिल होने की इच्छा जताई थी।
प्रतापगढ़ जेल में बढ़ाई गई सुरक्षा
अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों शूटर्स को नैनी जेल से दोपहर 12 बजे प्रतापगढ़ के लिए रवाना किया गया। प्रतापगढ़ जेल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
मेरठ के बदमाश ने दी थी पिस्टल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों शूटर्स कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं। शूटर्स को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी लगाई है। कुछ देर में इस पर सुनवाई होनी है। रिमांड अर्जी मंजूर होने के बाद STF तीनों शूटर्स से पूछताछ करेगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले पूछताछ में हमलावरों के मेरठ कनेक्शन सामने आए हैं। जिस पिस्टल से हत्या की गई, उसे मेरठ के ही अपराधी ने सनी को रखने के लिए दी थी।
जिगाना पिस्टल से 18 सेकेंड में 20 राउंड फायरिंग
15 अप्रैल की रात 10:35 बजे कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में 18 सेकेंड में 20 राउंड गोलियां चलती हैं। माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मारा जाता है। एक भी सेकेंड रुके बिना ये फायरिंग एके-47 से नहीं बल्कि एक ऑटोमैटिक पिस्टल से की गई थी। दरअसल, ये मेड इन तुर्किये पिस्टल थी, जिसे जिगाना कहते हैं।
शूटरों को पनाह देने वाले और मददगारों की तलाश
इन तीनों को एक साथ लाकर, रेकी करवाने, होटल में रुकवाने, विदेशी हथियार देकर, मीडिया का फर्जी आईडी कार्ड बनवाने वाले मास्टरमाइंड की तलाश करने में यूपी पुलिस जुटी हुई है। हमलावरों ने गोली चलाने के बाद सरेंडर कर दिया था।