acn18.com कोरबा/ कोरबा जिले में अपना तीन दिवसीय प्रवास के तीसरे दिवस गोवर्धन पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने राम जानकी मंदिर परिसर में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने यहां पर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। कहा गया कि सर्वसम्मत अवधारणा यही है कि सभी के पूर्वज हिंदू थे और इसी हिसाब से काम हो रहा है। जहां कहीं अप्रत्याशित घटनाएं हो रही हैं, वह सरकारी तंत्र की दुर्बलता का परिणाम है।
पीठ परिषद और आदित्य वाहिनी के द्वारा कोरबा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के साथ गोवर्धन पीठ पुरी के शंकराचार्य ने लोगों का मार्गदर्शन किया। रायपुर रवाना होने से पहले उन्होंने बुधवारी क्षेत्र स्थित राम जानकी मंदिर परिसर मैं पत्रकारों से बातचीत की। छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित कुछ इलाकों में आदिवासियों के हिंदू नहीं होने संबंधित बयान को लेकर शंकराचार्य ने बताया कि इस तरह की कोशिशें बहुसंख्यक वर्ग को प्रभावित करने के लिए की जा रही हैं ताकि देश को अपनि मुट्ठी में किया जा सके। इस दुरभि संधि को विफल किया जाना जरूरी है।
वर्ण व्यवस्था से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि यह सभी व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों और प्रारब्ध के आधार पर सुनिश्चित होता है।बातचीत के अंतर्गत शंकराचार्य ने अयोध्या में जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए प्रयासों पर भी कई खुलासे किये और बताया कि यह काम तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में हो जाता लेकिन जिस तरह की स्थिति पैदा की जा रही थी, उसका हमने विरोध किया।
हिंदू राष्ट्र अभियान मैं लगे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने जोर देकर इस बात को कहा कि उन्होंने 18 महीने पहले ही काफी कुछ स्पष्ट रूप से कह दिया था। आज भी इस बात पर कायम है कि एशिया महाद्वीप में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हिंदू थे।
याद रहे पिछले कुछ वर्षों से हिंदू राष्ट्र अभियान को लेकर गोवर्धन पीठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती विभिन्न देशों का घमंड कर रहे हैं और हिंदुओं को जागरूक करने में लगे हुए हैं। समय-समय पर उनके द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों को लेकर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी जाती है जो सुर्खियों में रहती है।
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