Acn18.com/छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले बस्तर में नक्सली भी एक्टिव हो गए हैं। फोर्स खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा को घेरने की तैयारी कर रही है। विशेष रणनीति के तहत हिड़मा के गढ़ में फोर्स को ऑपरेशन के लिए घुसाया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि नक्सलियों के प्लाटून नंबर एक की कमर तोड़ दी जाएगी। इधर, नक्सली भी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं।
दरअसल, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर जिले में लंबी खामोशी के बाद नक्सली फिर से एक्टिव हो गए हैं। अब हर दिन बस्तर के इन जिलों में हत्या, लूट, आगजनी, सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी वारदात कर रहे हैं। इलाके में दहशत भी फैला रहे हैं। हालांकि, इन जिलों में फोर्स भी अलर्ट है। सुकमा और बीजापुर जिले की सरहदी इलाकों में नक्सली कमांडर हिड़मा का मूवमेंट लगातार देखने को मिल रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि, नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
बॉर्डर इलाकों में ज्यादा नजर
पुलिस के पास भी नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता इंटेलिजेंस रिपोर्ट है। अब विशेष रणनीति के तहत पुलिस फोर्स नक्सली कमांडर हिड़मा को घेरने की तैयारी कर रही है। सूत्र बता रहे हैं कि, जवानों की सबसे मजबूत टुकड़ियों के कमांडोज को सुकमा-बीजापुर, CG-महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य की सीमा के जंगल में ऑपरेशन के लिए भेजा जा रहा है। उधर, ग्रेहाउंड की टीम भी सीमावर्ती इलाकों में लगातर सर्च ऑपरेशन चला रही है। यूं कहें की हिड़मा को चारों तरफ से घेरने की कोशिश जारी है।
IG सुंदरराज पी ने कहा- टूट रही इनकी कमर
बस्तर के IG सुंदरराज पी ने कहा कि, सुकमा-बीजापुर का इलाका नक्सलियों का बेहद मजबूत जोन है। इन इलाकों के नक्सलियों को खदेड़ने के लिए बहुत से कैंप स्थापित किए गए हैं। ताकि, वहां की जनता खुद को नक्सलियों से सुरक्षित महसूस कर सके। एक–एक कदम हम आगे बढ़ रहे हैं। जिससे नक्सलियों के प्लाटून नंबर एक की कमर टूटती जा रही है। नक्सली कमांडर हिड़मा और उसकी पूरी बटालियन को कमजोर करने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। इसी के तहत काम किया जा रहा है। जवानों को ऑपरेशन पर निकाला जा रहा है।
चुनावी साल में इंटेलिजेंस की बड़ी जिम्मेदारी
दरअसल, बस्तर में शांति से विधानसभा चुनाव करवाना यह भी सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती है। चुनावी साल में इंटेलिजेंस की टीम की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस की टीम पर ही फोर्स का अगला कदम निर्भर होता है। नक्सलियों के TCOC (टैक्टिकल काउंटर ऑफ ऑफेंसिव कैंपेन) के दौरान बस्तर के गांव-गांव में इंटेलिजेंस की टीम घुस चुकी है। नक्सल मूवमेंट की बारीकी से रिपोर्ट बनाई जा रही है।
जानिए कौन है माडवी हिड़मा ?
बस्तर के पुर्वती गांव का रहने वाला माडवी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय एक नक्सली ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई। हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने LOS ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा की बनाई योजना में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली।
नारायणपुर, बीजापुर , गढ़चिरौली क्षेत्र में कई सालों तक सक्रिय था। फिर बड़े लीडरों ने कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था। वहीं 2007 से लेकर 2021 तक इसने कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया। साथ ही वर्तमान में यह नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नंबर 1 का कमांडर और DKSZC मेंबर भी है। इस पर 25 लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है।