acn18.com बेंगलुरु। ‘जज साहब मेरे प्रेमी को पैरोल पर रिहा कर दिजिए, नहीं तो मुझे कोई और ले जाएगा’। एक महिला ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपने प्रेमी को पैरोल पर रिहा करने की गुहार लगाई।
महिला 9 साल से शख्स से प्यार करती है और वो उससे शादी करना चाहती है। शख्स हत्या के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है। महिला ने जज के सामने गुहार लगाई है कि उसके प्रेमी को 15 दिन के पैरोल पर रिहा कर दिया जाए, जिससे वह उससे शादी कर सके।
प्रेमिका ने होने वाली सास के साथ दायर की याचिका
30 वर्षीय नीथा ने अपनी होने वाली सास के साथ याचिका दायर की थी। उन्होंने कोर्ट को यह गारंटी दी है कि 15 दिन के पैरोल पर उसका प्रेमी आंनद ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा जिससे कानून और पुलिस को समस्या हो।
जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने इस मामले की सुनवाई की और नीथा और मां की गुहार को सुन उनका भी दिल पिघल गया। उन्होंने जेल अथॉरिटी को आदेश सुनाते हुए कहा कि वह कम से कम 15 दिन के लिए आंनद को पैरोल पर रिहा करें, ताकि वह नीथा से शादी कर सके। साथ ही अदालत ने सख्ती से कहा कि वो इस दौरान ऐसा कोई भी काम न करे जिससे कोई परेशानी खड़ी हो।
शादी के लिए पैरोल पर रिहा करना गलत
इस मामले में सरकारी वकील ने नीथा और उसकी मां की याचिका का विरोध किया है और कहा कि आनंद एक हत्या के मामले में दोषी है। शादी के लिए पैरोल पर रिहा करना उचित नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें शादी के लिए पैरोल पर रिहा किया जाए। उनका मानना था कि हत्या के दोषी को किसी और की शादी में शिरकत करना होता तो अलग बात होती। लेकिन इस तरह की याचिका को मानना गलत है। हालांकि,जस्टिस नागप्रसन्ना ने इसे एक असाधारण स्थिति मानते हुए, दोषी आनंद को पैरोल का वारंट दिया।
5 से 20 अप्रैल तक की मिली पैरोल
सरकारी वकील के अनुसार, जेल नियमावली की धारा 636 के तहत पैरोल प्राप्त करने के उद्देश्यों से बंदी की रिहाई के लिए लाभ सुनिश्चित नहीं होगा। जेल नियमावली के खंड 636 का उप-खंड 12 संस्थान के प्रमुख को किसी भी अन्य असाधारण परिस्थितियों में पैरोल दिया जा सकता है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘रिहाई अनिवार्य है, अन्यथा वह अपने प्यार को खो देंगे। जेल में होने के कारण, वह अपनी प्रेमिका की शादी किसी और से होने की पीड़ा सह नहीं कर पाएगा। इसलिए याचिकाकर्ता पर लगाई जाने वाली किसी भी शर्त पर आपातकालीन पैरोल मांगता है। अदालत ने आंनद को 5 अप्रैल की सुबह से 20 अप्रैल की शाम तक की पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।