acn18.com जशपुर/ जशपुर जिले में पहाड़ी कोरवा परिवार ने फांसी लगाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली है। पति-पत्नी और 2 बच्चों समेत 4 लोगों की लाश फांसी पर लटकी हुई मिली है। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दे दी है। बगीचा थाना क्षेत्र के सम्हार बहार बस्ती की घटना बताई जा रही है।
बगीचा थाना पुलिस के मुताबिक ग्रामीणों से मिली सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर रवाना कर दी गई है। फिलहाल आत्महत्या की वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है। बता दें कि पहाड़ी कोरवा एक संरक्षित जनजाति है, जिन्हें राष्ट्रपति ने गोद लिया है।
फिलहाल आत्महत्या के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ की संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा प्रदेश के उत्तर-पूर्व और उत्तर में स्थित जिलों में पाई जाती है। यह जनजाति घने जंगलों में निवास करती है। छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से 7 को राज्य सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है। इन्हीं जनजातियों में से एक पहाड़ी कोरवा जनजाति भी है।
पहाड़ी कोरवा जनजाति सरगुजा, बलरामपुर और जशपुर जिलों में निवास करती है। इनकी आबादी बेहद कम है। इनकी खास संस्कृति है। यह जनजाति जीवनयापन के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है। इस जनजाति के संरक्षण के लिए सरकार कई सरकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन आज भी इनकी बड़ी आबादी इन योजनाओं से वंचित है और इन्हें उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। साल 2015-16 में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पहाड़ी कोरवाओं का सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद इनकी सूची प्रकाशित की गई, जिसमें कई पहाड़ी कोरवाओं का नाम छूटा हुआ मिला और कई गैर पहाड़ी कोरवाओं को इस सूची में शामिल कर लिया गया, जिसके कारण इस जनजाति के अधिकतर लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।