acn18.com दुर्ग /छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला का एक छोटा सा गांव पुरई जल्द ही एक रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। यहां रहने वाली 15 साल की बेटी चंद्रकला ओझा 9 अप्रैल को लगातार 8 घंटे तक तैरकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करेंगी। इससे पहले यह रिकॉर्ड यहीं के रहने वाले ईश्वर का था। उन्होंने लगातार 6 घंटे तक तैरकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
9 अप्रैल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम पुरई गांव पहुंच रही है। तैराकी में अब तक चन्द्रकला कई कीर्तिमान स्थापित की हैं। विश्व रिकॉर्ड को पूरा करने के लिए हर दिन सुबह शाम 6-7 घंटे तक तैरती हैं।
15 वर्षीय चंद्रकला ओझा ने बताया कि वो अपने कोच ओम ओझा के मार्गदर्शन में तालाब में तैरकर प्रैक्टिस कर रही हैं। वो सिर्फ तैरकर ही वर्ल्ड रिकार्ड नहीं बनाएंगी, बल्कि तैरकर लंबी दूरी भी तय करेंगी, महिला वर्ग और जूनियर गर्ल्स वर्ग में पहली ऐसी लड़की होंगी जो तैराकी का ये रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं।
घर वालों का मिला पूरा सपोर्ट
चंद्रकला का कहना है कि, कि जब वह तैराकी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने उतरी तो लोगों ने उसको रोकने का काफी प्रयास किया। उनके माता-पिता को कहा कि लड़की है छोटे कपड़े पहनकर तैरेगी तो आपको अच्छा लगेगा क्या? लेकिन घरवालों ने लोगों की बातों की परवाह नहीं करते हुए उसे स्विमर बनने के लिए प्रेरित किया और अपना पूरा सहयोग दिया। घरवालों के सहयोग और कोच के मार्ग दर्शन में उसने कई बड़े मुकाम और मेडल अपने नाम किया। अब सपना है कि वो ओलिंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीत कर लाए।
परिवार में 20 से अधिक स्विमर
दुर्ग जिले के खेल गांव के नाम से प्रसिद्ध पुरई की चन्द्रकला बताती हैं कि उनके परिवार में 20 से अधिक भाई-बहन स्विमर हैं। उन्हीं को देखकर उन्होंने स्विमर बनने का मन बनाया। जब वो पहली बार स्विमिंग के लिए उतरीं तो उनकी उम्र महज 6 साल थी। परिवार में चाचा ओम ओझा उन्हें स्विमिंग की ट्रेनिंग देते हैं।
स्विमिंग पुल का अभाव, फिर भी नाम कर रहे रोशन
ओम ओझा ने बताया कि आज उनके गांव के स्विमर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें अच्छा स्विमिंग पुल बनाकर दिया जाए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। यदि उन्हें अच्छा स्विमिंग पुल मिल जाए तो यहां के बच्चे और भी आगे जा सकते हैं।
डाइट के लिए संस्था कर रही मदद
घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण चन्द्रकला के घरवाले उनकी डाइट का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। कोच ओम ओझा बताते हैं कि हर दिन चना, अंडा, काजू सहित अन्य खाद्य सामग्री में हर दिन दो सौ रुपए का खर्च आता है। उनकी लगन को देखते हुए फ्लोटिंग विंग्स स्विमिंग एकेडमी उनकी मदद कर रही है।
ओलंपिक की तैयारी के लिए हो चुका है चयन
ओलिंपिक में तैराकी के लिए चन्द्रकला का चयन 2019 में हुआ था। गांधीनगर, गुजरात में चन्द्रकला ओलिंपिक की तैयारी में लगी हुई थीं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन लगने से चन्द्रकला को वापस घर लौटना पड़ा। ओपन स्टेट जूनियर तैराकी चैंपियनशिप में तीन गोल्ड और तीन सिल्वर अपने नाम की। भुवनेश्वर में आयोजित नेशनल तैराकी चैंपियनशिप का हिस्सा बनी। स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीते हैं।