केंदीय गृहमंत्री अमित शाह 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय बस्तर दौरे पर रहे। उनके दौरे के बाद अब छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने तंज कसा है। जगदलपुर में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि, बस्तर कोई पाकिस्तान में नहीं है। इसलिए यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है। उनका स्वागत है।
प्रधानमंत्री के बाद गृहमंत्री दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता होता है। अमित शाह यहां आने के बाद लोगों के लिए क्या किए ये जानना जरूरी है। कवासी लखमा ने धर्मांतरण के मामले में भाजपा पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
कवासी लखमा ने कहा कि, गृहमंत्री के कार्यक्रम में हमें नहीं बुलाया गया, क्योंकि हम कांग्रेस पार्टी के लोग हैं। यहां के बड़े-बड़े भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी नहीं बुलाया गया। इसमें हमारी बेइज्जती नहीं बल्कि उनको मजाक में लिया गया है। प्रधानमंत्री भी दो बार बस्तर आकर गए हैं।
दंतेवाड़ा में नगाड़ा बजाए, बीजापुर गए तो वहां महेश गागड़ा सीट हार गए। बड़े नेताओं के बस्तर आने से यहां के लोगों को क्षेत्र का विकास होने की उम्मीद रहती है। पीने के लिए पानी, डैम, सड़क और नौकरी देने की घोषणा की आस रहती है। लेकिन अब सब टांय-टांय फिस।
आदिवासियों को भड़का रही भाजपा
आबकारी मंत्री ने भाजपा पर आदिवासियों को धर्मांतरण के मामले पर भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, भेजरीपदर गांव में माहौल बिगाड़ने की कोशिश किए। आदिवासियों के ठेकेदार वहां पहुंच गए थे। लेकिन, प्रशासन और हमने माहौल बिगड़ने नहीं दिया। आने वाले समय में भी कितनी भी कोशिश कर लें हम बिगड़ने नहीं देंगे।
बस्तर के लोग समझदार हो गए हैं। हमारी कांग्रेस सरकार जनता के लिए बेहतर काम कर रही है। तेंदूपत्ता का पैसा दिया जा रहा है। भूमिहीन किसानों को पैसे दिए जा रहे हैं। 20 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा से भाजपा पागल हो गई है।