acn18.com कोरबा /अगर ठीक तरीके से काम किया गया था वर्ष 2030 तक पूरी दुनिया क्षय रोग से मुक्त हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में भी इस दिशा में काम जारी है। कोरबा जिले में 1786 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। इन्हें आवश्यक परामर्श देने का काम स्वास्थ विभाग कर रहा है।
लंबे समय तक खांसी और शरीर में बुखार बने रहने के कारण एक स्थिति ऐसी आती है जब लोग क्षय रोग की जद में आ जाते हैं। इसे टीवी के नाम से भी जाना जाता है। देश और दुनिया मैं 24 मार्च को क्षय रोग के लक्षण, कारण और निवारण को लेकर संवाद हुआ। कोरबा जिले में भी छय नियंत्रण के लिए काम हो रहा है । पहले और अब की स्थिति में क्षय रोग की चिकित्सा एडवांस हुई है। अब सिर्फ एक ही टैबलेट का उपयोग पीड़ितों को करना पड़ रहा है।
एक व्यक्ति से होकर यह बीमारी दूसरे में प्रवेश करती है इसलिए इसकी रोकथाम के लिए टीपीपी व्यवस्था पर काम किया जा रहा है । संबंधित लोगों को 6 महीने तक दवा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
कोरबा जिले में पिछले भर्ती किए गए सर्वेक्षण में 1786 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए थे। वर्तमान में उन्हें उपचार दिया जा रहा है । टीवी से प्रभावित दो व्यक्तियों की मौत इस अवधि में हुई है लेकिन इसके लिए दूसरे कारण जिम्मेदार थे।
चिकित्सकों का कहना है कि सतर्कता ही किसी भी बीमारी से आपको बचाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि अगर आप काफी समय से खांसी और बुखार से पीड़ित है तो इसकी अनदेखी ना करें और जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें