acn18.com कोरिया/ शासन-प्रशासन के प्रयास स्वरुप प्रदेश के सभी जिलों में होली के मद्देनजर केमिकलयुक्त रंगो के बजाए हर्बल गुलाल और रंगो को तरजीह दी जा रही है। कोरिया जिले के सभी पांचो विकासखंडो में महिल स्व सहायता समूह के जरिए फूलों और विभिन्न फलों से रंगो को तैयार किया जा रहा है। इको फ्रेंडली रंगो की बिक्री से महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी भी हो रही है।
रंगों का पर्व होली मनाए जाने को लेकर तोर शोर से तैयारियां की जा रही है। छत्तीसगढ़ में रंगो का यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। होली के इस पर्व में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ की अच्छी खासी आमदनी हो इसके लिए प्रशासन स्तर पर काफी प्रयास किया जा रहा है और महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल रंग और गुलाल बनाने प्रेरित कर रहा है। इसी कड़ी में कोरिया जिले के पांचो विकासखंडो में महिलाओं के द्वारा फूलों के साथ ही विभिन्न फलो से रंग और गुलाल तैयार किये जा रहे है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया,कि केमिकल युक्त रंग और गुलाल के स्थान पर हर्बल गुलाल का उपयोग करने से त्वचा को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया। जिले के पांचों ब्लॉक में समूह की महिलाओं द्वारा हर्बल रंग तैयार किया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने बताया कि गुलाल बनाने हेतु अरारोट पाउडर के साथ प्राकृतिक रंगों के अर्क को मिलाया जाता है। स्थानीय बाजार में अरारोट पाउडर आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि गुलाबी रंग हेतु चुकंदर, हरे रंग हेतु पालक, पीले हेतु हल्दी, नारंगी हेतु पलाश के फूलों का उपयोग किया जा रहा है।
महिलाओं ने अब तक लगभग 105 किलोग्राम गुलाल तैयार किया है।जिले में विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाकर गुलाल बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा जिला मुख्यालय में स्थित सी-मार्ट में इसे उपलब्ध कराया जाएगा।
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