acn18.com जांजगीर-चांपा/ जांजगीर-चांपा जिले में जहां-तहां अवैध पैथोलॉजी लैब कुकुरमुत्ता की तरह संचालित हो रहे हैं और एक तरह से नियम कायदों को चुनौती दे रहे हैं। कई स्तर पर शिकायत के बाद पिछले दिनों प्रशासन ने इस बारे में कार्रवाई की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं किया। इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता मुरली मनोहर शर्मा ने आमरण अनशन शुरू किया है। प्रशासनिक अनदेखी से उनकी हालत बिगड़ गई जिस पर परिजनों ने अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की।
जिला मुख्यालय जांजगीर चांपा के कचहरी चौराहे पर मुरली मनोहर शर्मा के द्वारा 27 फरवरी से आमरण अनशन की शुरुआत की गई। इसके लिए उन्होंने पहले ही अधिकारियों को सूचित कर दिया था। पहले से दिए गए अल्टीमेटम को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में अनशन तो होना ही था। बताया गया कि क्षेत्र में अवैध पैथोलॉजी लैब बड़ी संख्या में संचालित हो रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को अवगत कराया गया था। बताया गया कि इस पूरे मामले में सभी तरह के प्रमाण उपलब्ध है और इससे साबित होता है कि अधिकारियों की संलिप्तता अवैध कारनामे कुछ संचालित करने में है।
मुरली मनोहर ने बताया कि अनशन शुरू करने और स्थिति बिगड़ने को लेकर भी प्रशासन का कोई अधिकारी यहां नहीं पहुंचा। बेहोशी की हालत में मेरे परिचितों ने अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की।
दूसरी और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने बताया कि संबंधित व्यक्ति को शारीरिक स्थिति के बारे में जानकारी दी गई थी। खबर मिलने पर मौके पर पहुंचने के साथ स्थिति का जायजा लिया गया।
जन स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे को लेकर जांजगीर-चांपा जिले में आमरण अनशन काफी समय के बाद हो रहा है। इसकी चर्चा आसपास में हो रही है। देखना होगा कि इस कदम के बाद अवैध पैथोलॉजी लैब की दुकानें बंद होती है या नहीं।