acn18.com उज्जैन/ महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की नवरात्रि का उत्सव धूमधाम से मनाया गया, जिसका समापन महाशिवरात्रि पर शिव विवाह के साथ हुआ। महाशिवरात्रि पर भगवान महाकालेश्वर का ऐसा श्रृंगार हुआ कि जिसने भी उस रूप को देखा बस देखता ही रह गया क्योंकि दूल्हा रूप में बाबा महाकाल अद्भुत नजर आ रहे थे।
महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में शनिवार रात हुई महापूजा के बाद रविवार सुबह तड़के चार बजे बाबा महाकाल को पंडे-पुजारियों ने फूलों व फलों से निर्मित सेहरा चढ़ाया। सुबह चार बजे सेहरे की आरती करने के बाद सेहरे के आमदर्शन शुरू हुए जो सुबह 10 बजे तक जारी रहेंगे। जिसके बाद सुबह 11 बजे भगवान का सेहरा उतारा जाएगा व दोपहर 12 बजे भस्मारती की जाएगी।
दोपहर को भस्म आरती के बाद लगेगा भोग
आज वर्ष में केवल एक बार दोपहर को होने वाली भस्मारती की जाएगी। यह आरती दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक होगी। दोपहर 2:30 बजे से 3 बजे तक भोग आरती तत्पश्चात ब्राम्हण भोज होगा। संध्या पूजन शाम 5 बजे से 5:45 बजे भगवान को जल चढ़ना बंद होगा। शाम 6:30 बजे से 7:15 बजे तक संध्या आरती और रात्रि 10:30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट मंगल होंगे।