acn18.com नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभा को भी संबोधित करेंगे। महर्षि दयानंद सरस्वती, जिनका जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने तत्कालीन प्रचलित सामाजिक असमानताओं का मुकाबला करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी।
आर्य समाज ने सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में निभाई है अहम भूमिका
आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने लोगों को संदेश दिया कि ‘वेदों की ओर लौटो’ अर्थात् उनका मानना था कि वेदों में ही जीवन की सत्यता है। उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी। ‘सत्यार्थ प्रकाश ‘ उस किताब का नाम है जिसे स्वामी दयानंद सरस्वती ने लिखा है।
समाज सुधारकों, महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सम्मान दिलाने के लिए प्रतिब्ध है सरकार
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार समाज सुधारकों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों, विशेष रूप से उन लोगों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है जिनके योगदान को अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर उनका देय नहीं दिया गया है। इसी उपलक्ष्य पर पीएम मोदी कल महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करेंगे।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस किया था घोषित
पीएमओ के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने से लेकर श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में भाग लेने तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।
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