acn18.com कोरबा/कोरबा में ग्रामीणों ने एक बार फिर एनटीपीसी मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अफसरों के लापरवाह रवैए के विरुद्ध प्रभावितों ने जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि एनटीपीसी के अधिकारी अंग्रेजों की तरह लोगो पर अत्याचार कर रहे है।
अंग्रेज तो चले गए मगर उनकी तरह ही कोरबा में एनटीपीसी मैनेजमेंट का अंग्रेजी हुकूमत जारी है। प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते ये लोग लोतलोता, धनरास, घमोटा और चोरभट्टी के ग्रामीण है। सालो पहले इनकी खेतिहर जमीन को राखड बांध बनाने के लिए एनटीपीसी ने अधिग्रहित किया था। सुविधा प्रदान करने का लालच देकर जमीन तो छीन लिया गया लेकिन इन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया। आरोप है कि एनटीपीसी के अधिकारी इनके साथ अंग्रजों की तरह अत्याचार कर रहे हैं ।
एनटीपीसी प्रबंधन के विरुद्ध लामबंद हुए ग्रामीण ,दफ्तर के सामने की गई जमकर नारेबाजी …देखिए वीडियो pic.twitter.com/N3esFltJGY
— acn18.com (@acn18news) February 1, 2023
गर्मी का मौसम आते ही इस राखड़ बांध से राख उड़कर पूरे इलाके को ढक लेती है। लोगो का जीना मुश्किल हो जाता है। राख के कारण लोग घर में वैवाहिक कार्यक्रम भी नही कर पाते। हर साल राख से होने वाले नुकसान का मुआवजा देने का वादा किया जाता है मगर समय आने पर एनटीपीसी के जिम्मेदार अधिकारी मुंह फेर लेते है। अधिकारियों की इस मनमानी को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।
राखड की वजह से किसानों को फसल का नुकसान तो झेलना ही पड़ता है उनके सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। मैनेजमेंट की मनमानी के खिलाफ लोगो का आंदोलन पहली बार सामने नही आया है बल्कि लगातार प्रदर्शन किया जाता रहा है। इस बार इलाके के ग्रामीणों ने आर–पार की लड़ाई शुरू कर दी है देखना होगा कि इस आंदोलन का एनटीपीसी मैनेजमेंट पर कितना असर पड़ता है।
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