acn18.com कोरबा /मुख्यमंत्री वन संपदा योजना पर पूरे प्रदेश में काम हो रहा है। नीलगिरी सागवान सहित चार कैटेगरी को इसमें शामिल किया गया है। वन मंडल में सर्वे की प्रक्रिया जारी है और मार्च से इस योजना को क्रियान्वित किया जाना है।
छत्तीसगढ़ में वन संपदा प्रचुर मात्रा में है फिर भी इसे और बेहतर करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री वन संपदा योजना लांच की है। गैर वन क्षेत्र को इसमें शामिल किया गया है और इसके अंतर्गत कृषि भूमि का चयन करने के साथ वहां पर 4 कैटेगरी के पौधों का रोपण करते हुए विकास किया जाना है। इसके लिए बीज से लेकर संसाधन वन विभाग की ओर से मुहैया कराए जाएंगे। पौधों के विकास के बाद किसानों के साथ अनुबंध किया जाएगा।
बताया गया कि कोरबा जिले में योजना के अंतर्गत सर्वे की प्रक्रिया जारी है और अब तक 500 किसानों का पंजीकरण करते हुए 927 एकड़ कृषि भूमि का चयन कर लिया गया है। निश्चित रूप से मार्च 2023 से इस योजना का क्रियान्वयन जिले में शुरू किया जाएगा।
कोरबा जिले की पहचान यूं तो औद्योगिक कारणों से है फिर भी इस के बड़े हिस्से में सघन वनों की संख्या मौजूद है। पर्यावरण संतुलन के मामले में यह तंत्र अपनी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना के दौरान काफी संख्या में पेड़ पौधों को हटाना और काटना पड़ता है। इनकी भरपाई के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा 10 गुना अनुपात की व्यवस्था बनाई गई है इसके बावजूद कई मामलों में नतीजे अच्छे नहीं आ पाते। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री वन संपदा योजना पर काम करने से लगभग सभी क्षेत्रों में वनों के घनत्व को बेहतर किया जा सकेगा
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