acn18.com कोरबा/छत्तीसगढ़ का लोकपर्व छेरछेरा कोरबा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गसा। सुबह से ही बच्चों की टोली घर घर जाकर लोगों से दान के रुप में अन्न लिया। छेरछेरा कोठी के धान ला हेरते हेरा के नारों के साथ दिन भर बच्चों की टोली इधर से उधर घूमते रहे। इस पर्व को मनाए जाने को लेकर काफी पुरानी परंपरा है।
कोरबा में दान का महापर्व छेराछेरा धूमधाम से मनाया गया। जिले के हर एक ईलाके में इस पर्व की धूम देखने को मिली। सुबह से ही बच्चों की टोली हाथों में थैला लेकर एक घर से दूसरे घर लोगों से छेरछेरा के रुप में चावल व अन्य अनाज एकत्रित करते हुए नजर आए। छेर छेरा कोठी के धान ला हेरते हेरा के स्वर के बच्चों की टोली दिन भर इधर से उधर घूमते हुए नजर आई। इस पर्व को मनाने की परंपरा काफी पुरानी है। धान की नई फसल कटने के बाद इस पर्व को मनाया जाता है और नई फसल को ही छेरछेरा के रुप में दान किया जाता है।