acn18.com कोरिया — वनमण्डल मनेंद्रगढ़ के वन परिक्षेत्र केल्हारी यहां वनविभाग के रेंजर, एसडीओ और ग्रामीणों के सहयोग से वन प्रबंधन की अनूठी मिसाल पेश किया गया है, समाज की लापरवाही और मनुष्य द्वारा लगातार जंगल काटे जाने की वजह से कुछ साल पहले तक एमसीबी जिले के केल्हारी के वन परिक्षेत्र में पेड़ों के तनों के ठूंठ और जंगली झाड़ियों तक सिमट कर रह गई थी, लेकिन आज वहां अलग-अलग प्रजाति के हजारों पेड़-पौधे लहलहा रहे हैं।
इन दिनों एमसीबी जिला के मनेंद्रगढ़ वन मंडल के वन परीक्षेत्र केल्हारी रेंज में ग्रामीणों की जनसहभागिता से संयुक्त वन प्रबंधन बिगड़े वनों के सुधार करने में सफलता पाई है। क्षेत्र के बिगड़े वन को वन समिति की सहभागिता और सक्रियता से नया जीवन मिला है। इलाके में अब जंगल जी उठा है। दरअसल, अत्यधिक जैविक दबाव, जलाऊ लकड़ी की आपूर्ति एवं आस-पास के ग्रामीण इलाकों के करीब 4 हजार से अधिक पालतू पशुओं की चराई भी इसी वन क्षेत्र पर निर्भर थी। जिससे काफी जंगल उजड़ने लगे थे।वन विभाग ने इस क्षेत्र में वन सुधार के तहत काम करना शुरू किया और उसमें वन समिति के सदस्यों की मदद ली गई। वन ग्राम समिति ने वन विभाग के साथ पौधे रोपने के साथ ही उनके वृ़क्ष बनने तक और पुराने पेड़ों को सुरक्षित रखने की कवायद शुरू की उसका नतीजा यह है कि कक्ष क्रमांक 942 की वन भूमि वर्तमान में हरियाली से भरी है।
सांथ ही साथ सड़क किनारे लगाए गए बृक्ष आज हरे भरे होकर सड़कों के प्रदूषण को कम कर रहे हैं।केल्हारी के वन क्षेत्र जहां आमजनों को आकर्षित करता है, तो वहीं जंगल में वन्य प्राणियों को भी सुरक्षित स्थान मिल रहा है। यहां पर वन विभाग ने वन्य प्राणियों को पानी पीने के लिए कई तालाब तथा डबरी बनवाऐ है। जंगल में राष्ट्रीय पक्षी मोर, चीतल, सांभर, जंगली सुअर, नीलगाय सहित अन्य वन्य प्राणी विचरण करते हैं, जो यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा हैं।