acn18.com बीजिंग /चीन में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। अस्पताल संक्रमित मरीजों से भरे हुए हैं और आए दिन नए मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, इस समय चीन में 54 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, जब से चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को वापस लिया है, तब से उसकी ओर से अस्पताल में भर्ती नए मरीजों का कोई डेटा नहीं भेजा गया है।
चीन के इस कदम ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों को डर है कि चीन कोरोना संक्रमण पर फिर से जानकारी छिपा सकता है। हालांकि, डब्लूएचओ ने कहा है कि डेटा न भेजे जाने का कारण यह हो सकता है कि इस समय अधिकारी बढ़ते मामलों को लेकर संघर्ष कर रहे हों।
सात दिसंबर के बाद से चीन से नहीं मिला कोई डेटा
डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट में सात दिसंबर तक चीन में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को दिखाया गया है। चार दिसंबर तक ये मामले 28,859 थे, जो बीते तीन सालों में चीन में सबसे ज्यादा है। हालांकि, चीन ने सात दिसंबर को जीरो कोविड पॉलिसी से कदम पीछे खींच लिए थे। इसके बाद से चीन की ओर से डब्ल्यूएचओ को कोई डेटा नहीं भेजा गया है। चीन पर हमेशा से कोरोना संक्रमण को कम करने दिखाने का आरोप लगाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौतों की पहचान मामले में भी ऐसा है।
अस्पतालों में कम पड़ने लगे बेड
चीन के बीजिंग, गुआंगझोऊ, शेनझेंग और शंघाई जैसे शहरों में हालात काफी खराब हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, चीन में महामारी के बढ़ते दबाव को देखते हुए लोगों को बताया जा रहा है कि यह मौसमी फ्लू जैसा है और नया ओमिक्रॉन स्वरूप बहुत खतरनाक नहीं है। महामारी वैज्ञानिक झोंग नानशान ने यहां तक कहा कि ओमिक्रॉन वायरस साधारण सर्दी-जुकाम से ज्यादा कुछ भी नहीं है इसलिेए घबराएं नहीं। जबकि शून्य-कोविड नीति में ढील देने के बाद अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं और मुर्दाघरों में हालात विकट हैं।
1.25 करोड़ लोग हो सकते हैं संक्रमित
सरकारी आंकड़ों में चीन में बीते तीन दिनों में कोरोना वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों में 2019 से अभी तक मरने वालों की संख्या महज 5,241 है। शंघाई के डेजी अस्पताल ने बुधवार को अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट में बताया कि शहर में इस समय 54 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं, महीने के अंत तक यह संख्या बढ़कर 1.25 करोड़ तक जा सकती है।