8 मांगों के लिए आईसीडीएस वर्कर्स की बड़ी रैली,18 हजार रुपये मासिक वेतन की मांग सरकार से pic.twitter.com/snDs1fdLMn
— acn18.com (@acn18news) December 19, 2022
acn18.com कोरबा/लड़ के लेंगे- पाई पाई के नारे के साथ हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करने के साथ रैली निकाली। हालात ऐसे बने की दो तीन स्थानों पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई। खुद को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित आठ मांगों के लिए यह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्होंने 21 दिसंबर से राजधानी में डेरा डालने की बात कही।
प्रदेश में अभी कार्यक्रम के अंतर्गत कोरबा सहित सभी जगह इस तरह का प्रदर्शन आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के द्वारा किया गया। इससे पहले उनका धरना ओपन थिएटर में चल रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र मैं काम करने वाले इन कर्मियों ने कुल 8 मांगों के लिए कामकाज ठप कर रखा है। सोमवार को तानसेन चौराहे से कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। कलेक्ट्रेट गेट पर पुलिस की मौजूदगी में प्रशासन के एक अधिकारी को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया । अधिकारी ने बताया कि ज्ञापन उचित जगह तक भिजवा दिया जाएगा ।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध कार्यकर्ता और सहायिकाओं की रैली को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी समर्थन दिया। इस रैली के कारण कई जगह आवाजाही बाधित हुई और लोग परेशान हुए। प्रदेश पदाधिकारी अंजनी पटेल ने बताया कि सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने के साथ वेतन बढ़ोतरी और कई मांगे इस प्रदर्शन में शामिल है।
भारतीय मजदूर संघ के छत्तीसगढ़ उद्योग प्रभारी राधेश्याम जायसवाल ने बताया कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने कई प्रकार के वादे कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से किए थे। अब वह वादाखिलाफी कर रही है। 21 दिसंबर से आंदोलन रायपुर शिफ्ट होगा और इसके बाद फरवरी में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव वर्ष 2023 में होने हैं और ऐसी स्थिति में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा सरकार को वे सभी वायदे याद कराए जा रहे हैं जो पिछले चुनाव से पहले जन घोषणापत्र में शामिल किए गए थे। इसीलिए अलग-अलग स्तर पर प्रदर्शन और हड़ताल का सिलसिला जारी है। प्रदर्शन करने वालों को लगता है कि चुनावी सीजन में संतुष्टि और महत्वाकांक्षा के लिए आवश्यक है। कहा तो यह भी जा रहा है कि जब कृषि और दूसरे क्षेत्र के लिए सरकार कर्ज ले सकती है तो अनियमित कर्मचारियों ओके सामाजिक संरक्षण के लिए वह किसी भी तरह की रिस्क चुनाव से पहले लेने की मानसिकता बना सकती है।
सीएसईबी कन्वेयर बेल्ट लाइन को चोरों ने बनाया निशाना, पुलिस ने दो चोरों को लिया अपने कब्जे में