acn18.com जशपुर/समुद्री तूफान की वजह से छत्तीसगढ़ से जा चुकी सर्दी लौट आई है। इस बार पूरे तेवर के साथ। सरगुजा संभाग के जिलों में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दी है। शनिवार को जशपुर में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह प्रदेश का सबसे ठंडी जगह बन गया है। लेकिन रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और बस्तर संभाग के जिलों में अभी सर्दी का असर नहीं दिख रहा है।
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को जशपुर में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री रहा। पिछले चार दिनों में ही इस स्थान के न्यूनतम तापमान में 8.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई है। 14 दिसम्बर को यहां न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस मापा गया था। उस दिन का सबसे कम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस था जो कोरिया में रिकॉर्ड किया गया था। शनिवार को कोरिया का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस मापा गया। वहीं सरगुजा में यह 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है, सरगुजा संभाग में यह स्थिति अब सामान्य की ओर है। अब यहां ठंड बढ़ने के आसार दिख रहे हैं।
इधर बिलासपुर संभाग में सबसे ठंडी जगह कोरबा रही, जहां न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस रहा है। बिलासपुर का तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस, पेण्ड्रा रोड का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस मापा गया है। दुर्ग संभाग में कवर्धा में सबसे कम 8.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं दुर्ग में 16.4 और राजनांदगांव में 16.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ है। राजधानी रायपुर में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। जगदलपुर का न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री रहा है। वहीं बस्तर की सबसे ठंडे स्थानों में शुमार नारायणपुर में भी शनिवार को 15.4 डिग्री सेल्सियस का न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ है।
ठंडी हवाओं पर एंटी साइक्लोन का असर
मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा का कहना है, यह एंटी साइक्लोन का असर है। सामान्य तौर पर इस मौसम में राजस्थान के ऊपर एक एंटी साइक्लोन बनता है। इसके असर से प्रदेश में ठंडी हवाओं का असर अधिक होता है। इस बार यह एंटी साइक्लोन महाराष्ट्र और गुजरात के बीच बना है। इससे इसका प्रभाव कम हो रहा है। उत्तर के जिलों में उत्तरी हवाओं का सीधा असर है। ऐसे में वे अधिक ठंडे हैं। लेकिन मध्य और दक्षिण के जिलों में नमी बनी हुई है। ऐसे में यहां गर्मी महसूस हो रही है।
अभी मैदानों में बहुत ठंड पड़ने के आसार नहीं
मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा का कहना है कि प्रदेश के मध्य क्षेत्र यानी मैदानी जिलों में अभी 3.1 किमी ऊंचाई तक नमी है। एंटी साइक्लोन की स्थिति भी बदली हुई है। ऐसे में अगले चार-पांच दिन तक इन इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार कम ही हैं। यहां न्यूनतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। यानी रायपुर जैसे स्थान का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तक हो सकता है। सामान्य स्थिति में इसे 11-12 डिग्री होना चाहिए था। इस सप्ताह के बाद कुछ परिवर्तन हो सकता है। बस्तर संभाग में तापमान गिरेगा।
छत्तीसगढ़ में शून्य डिग्री तक गिरता है पारा
सर्दियों के मौसम में सरगुजा संभाग के जिलों में पारा शून्य डिग्री तक गिर जाता है। इसके अलावा बिलासपुर संभाग के पेण्ड्रा रोड, कोरबा, दुर्ग संभाग के कबीरधाम और बस्तर के नारायणपुर, सुकमा आदि में कड़ाके की ठंड पड़ती है। यहां दिसम्बर-जनवरी में पाला भी पड़ता है। मौसम विभाग के रिकॉर्ड में अंबिकापुर का सर्वकालिक न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज है। यह 16 दिसम्बर 1955 को रिकॉर्ड किया गया था। जशपुर, बलरामपुर और कोरिया में इससे भी अधिक ठंड होती है।
पिछले सप्ताह तूफान से प्रभावित हुआ था मौसम
पिछले सप्ताहबंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान मंडौस तमिलनाडु के मामल्लापुरम तट से टकराया था। इसकी वजह से तटीय तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी बुरी तरह प्रभावित हुए थे। वहां 65 से 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवाओं और भारी बरसात ने नुकसान बढ़ा दिया। इस तूफान के असर से छत्तीसगढ़ का मौसम भी बदल गया था। यहां बादल छा गये।
ठंडी हवाएं चलीं लेकिन कुछ इलाकों में छिटपुट बरसात भी हुई। बरसात और बादल की वजह से दिन का तापमान गिर गया, लेकिन रात का तापमान सामान्य से अधिक हो गया था। इसका असर यह हुआ कि 10 दिसम्बर तक रायपुर का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक हो चुका था। यह सामान्य से बहुत अधिक है। प्रदेश का सबसे कम तापमान भी 10.4 डिग्री मापा गया था। जो सामान्य नहीं था। गुरुवार को पहली बार तूफान का असर खत्म दिखा था।