acn18.com बीजापुर /छ्त्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के एक गांव में 20 साल बाद स्कूल की घंटी बजी है। सलवा जुडूम के दौर में माओवादियों ने जिस स्कूल को बंद करवाया था, अब वहां आज फिर से कक्षाएं लगनी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि, पिछले 4 सालों से शिक्षा विभाग गांव में स्कूल खोलने प्रयास कर रहा था। नक्सल दहशत कम हुई तो स्कूल खोली गई है। यहां इलाके के 100 बच्चे पढ़ाई करेंगे। गांव में स्कूल खुलने के बाद ग्रामीणों ने विधि विधान से पूजा अर्चना की। फिर बच्चों को प्रवेश करवाया गया है।
दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 11 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मनकेली नक्सलियों का गढ़ था। पहले इस गांव में रोजाना स्कूल लगती थी। लेकिन, सलवा जुड़ूम के दौर में नक्सलियों ने स्कूल भवन तोड़ दी थी। इसकी वजह थी कि, फोर्स जब भी गांवों में आती थी तो उनके रुकने का स्कूल ठिकाना हुआ करता था। ऐसे में इस गांव के बच्चे पिछले 20 सालों से या तो पड़ोसी गांवों की स्कूलों में जाकर पढ़ाई करते थे या फिर जिला मुख्यालय में आश्रम-छात्रावास में रहकर शिक्षा लेते थे।
इस गांव में प्राथमिक शाला तो खोल दी गई है, लेकिन स्कूल भवन नहीं बना है। फिलहाल शिक्षा विभाग ने शेड निर्माण करवाया है और इसी शेड में बच्चों की कक्षाएं लगनी शुरू हो गई है। सोमवार को गांव वालों ने देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की। फिर फीता काट कर स्कूल का शुभारंभ किया है। परिजनों ने कहा कि, गांव में स्कूल नहीं था तो बच्चों को शिक्षा दिलाने हमें काफी दिक्कत होती थी। लेकिन, अब स्कूल खुल गई तो बच्चों को गांव में शिक्षा मिलेगी। पढ़ेंगे और नौकरी करेंगे।
150 से ज्यादा स्कूलों को खोलने का लक्ष्य
बीजापुर जिले के करीब 150 से ज्यादा स्कूलों को खोलने का लक्ष्य प्रशासन ने रखा है। ये वे स्कूलें हैं जिन्हें सलवा जुडूम के दौर में माओवादियों ने तोड़ दिया था। यहां कक्षा लगने नहीं दे रहे थे। कई बच्चे शिक्षा से वंचित भी हुए थे। हालांकि, अब धीरे-धीरे नक्सल दहशत कम हो रही है। ग्रामीणों में जागरूकता आ रही है। अब जिला प्रशासन उन इलाकों में स्कूल खोलने का प्रयास कर रहा है।
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