acn18.com कोरबा/साल का अखिरी महिना लगते ही प्रदेश के साथ ही कोरबा में धान खरीदी के कार्य ने जोर पकड़ लिया है। जिले के सभी केंद्रो में धान की आवक होनी शुरु हो गई है,जहां समर्थन मुल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है। कई केंद्र में जहां पूरे व्यवस्थित ढंग से धान की खरीदी चल रही है,तो कहीं अव्यवस्थाओं के बीच किसानों के साथ ही फड़ प्रभारियों को भी परेशान होना पड़ रहा है। हमने शहर के तीन अलग अलग केंद्रो का निरिक्षण किया जहां व्यवस्था के अनुरुप धान की खरीदी चल रही है।
करीब चार महिने तक कड़ी मेहनत करने के बाद खेतों में उपजाई गई धान की फसल पूरी तरह से पककर तैयार है जिसे किसान बेचने खरीदी केंद्रो में पहुंचने लगे है। वैसे तो एक नवंबर से धान की खरीदी शुरु हो गई थी लेकिन दिसंबर माह में धान खरीदी के कार्य ने जोर पकड़ा है। जिले के सभी केंद्रो में किसान अपनी मेहनत की फसल लाकर बेच रहे है। केंद्रो में धान की खरीदी किस तरह चल रही है इस बात का जायजा लेने हम दुरप सेवा सहकारी समिती पहुंचे धान की खरीदी करने के साथ ही उठाव का काम भी तेज गति से चल रहा है। यहां करीब 800 किसान पंजीकृत है जिनमें से करीब सौ किसानों ने तीन हजार क्विंटल से अधिक धान बेच लिया है वहीं उठाव की स्थिती भी संतोषप्रद है।
दुरपा के हम कुदूरमाल के धान खरीदी केंद्र पहुंचे जहां अव्यवस्था के बीच धान की खरीदी होना पाया। खुले आसमन के नीचे यहां धान की खरीदी हो रही है। बारदाने की गुणवत्ता को लेकर प्रभारी ने अपनी शिकायत की। उन्होंने बताया,कि मिलरों द्वारा जो बारदान मुहैया कराया है उसकी गुणवत्ता काफी खराब है जगह-जगह से फटे होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं केंद्र में पानी तक की व्यवस्था नहीं है उन्हें काफी दूर से पानी लाना पड़ता है जिससे किसानों के साथ ही केंद्र के कर्मियों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।
अंत में हम कनकी के उपार्जन केंद्र पहुंचे। यहां भी खरीदी की स्थिती को काफी बेहतर पायी लेकिन उठाव की गति धीमी थोड़ी की चिंता की बात जरुर नजर आई हालांकि फड़ प्रभारी ने कहा,कि समय के साथ सभी धान का उठाव कर लिया जाएगा।
प्रशासन से स्पष्ट रुप से कह दिया है,कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े। यही वजह है,कि इस साल कर केंद्र में किसानों के लिए अलग से टेंट की व्यवस्था भी कराई है जहां किसान आराम कर सके। वहीं टोकर तुंहर द्वार एप के माध्यम से किसानो को भी टोकन कटाने में कोई दिक्कत नहीं आ रही। कुल मिलाकर अभी तक तो खरीदी का काम बेहतर ढंग से चल रहा है। आने वाले समय में अव्यवस्था आती है,तो उससे निपटने प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।