Acn18.com रायपुर/छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के प्रभारी ओम माथुर रायपुर आ रहे हैं। सोमवार को दोपहर रायपुर एयरपोर्ट पर प्रदेश भाजपा के नेता उनका स्वागत करेंगे। ये पहला मौका है जब प्रभारी बनाए जाने के बाद ओम माथुर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इसे लेकर प्रदेश भाजपा के नेताओं में भी उत्साह है।
माथुर 4 दिनों तक छत्तीसगढ़ में ही रहेंगे। इस दौरान बैक टू बैक वो कई बैठकें लेंगे। स्थानीय नेताओं से मिलेंगे। भाजपा की तरफ से कहा गया है कि ये दौरा पूरी तरह से परिचयात्मक होगा। हालांकि अनुभवी नेता होने की वजह से माथुर प्रदेश भाजपा की परिस्थितियों को अपने स्तर पर बात-चीत से भांपेंगे। माथुर का रायपुर में कुछ नीजी कार्यक्रमों में शामिल होना भी तय है।
माथुर के 4 दिन
ओम माथुर पहले दिन सोमवार को करीब डेढ़ बजे दोपहर के वक्त उनका स्वागत होगा। प्रदेश कार्यालय में उनके कार्यक्रम तय हैं। 22 नवंबर दूसरे दिन ओम माथुर कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा, जिला प्रभारी, सह प्रभारी, जिला अध्यक्ष, संभागीय प्रभारी और प्रदेश महामंत्रियों की बैठक लेंगे। इसके बाद सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगे।
तीसरे दिन 23 नवंबर को मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के संयोजकों और सह संयोजकों से मुलाकात करेंगे। आखिरी दिन 24 नवंबर को माथुर अपने कुछ व्यक्तिगत परिचित लोगों से मिलेंगे, एक विवाह कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
ओम माथुर का सियासी सफर
छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए ओम माथुर नया नाम है। मगर देश की राजनीति में वो एक सक्रिय और दमदार चेहरा रह चुके हैं। 1980 के दशक में कांग्रेस मजबूत थी और भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपने अस्तित्व के लिए अटल-आडवाणी के नेतृत्व में संघर्ष कर रही थी। तब राजस्थान में भैरो सिंह शेखावत को सारथी के रूप में ओम प्रकाश माथुर का साथ मिला। राजस्थान में भाजपा का झंडा मजबूती से गाड़ने वालों में माथुर का नाम आता है।
जानकार मानते हैं कि ओम माथुर का नेतृत्व संगठन की मजबूती और नए राजनेताओं की खेप तैयार करने के लिए जाना जाता है । सरल भाषा कहें तो नेता निर्माता। माथुर अपने प्रारम्भिक राजनीतिक दौर राजस्थान में सक्रिय रहकर 1990 से 1998 तक भैरोसिंह की सरकार में सहयोगी रहे। 2002 में माथुर को देश के अन्य राज्यों में भाजपा के चुनावों का जिम्मा मिला। इनमें उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखण्ड जैसे राज्य रह चुके हैं। ओम माथुर गुजरात में लंबे समय तक प्रभारी रहे। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के भरोसेमंद और करीबी नेताओं में से माथुर का नाम भी लिया जाता है। महाराष्ट्र में पिछली बार भाजपा की सरकार बनने और नए चेहरे देवेंद्र फडणवीस को CM बनाने के पीछे किंग मेकर माथुर को माना जाता है।