acn18.com जोशीमठ (चमोली)/बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। इसके बाद अगले छह माह तक भगवान बद्रीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। बद्रीनाथ धाम के सिंह द्वार को गेंदे के फूलों से सजाया गया।
शुक्रवार को पंच पूजाओं के चौथे दिन माता लक्ष्मी का आह्वान कर पूजन संपन्न हुआ। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना तथा कढ़ाई भोग अर्पित किया गया। शनिवार को रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बद्रीनाथ धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया।
महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल ओढाया गया
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बद्रीनाथ को ओढ़ाया गया। इसके बाद अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
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