acn18.com कोरबा/बीड़ी उद्योग व अन्य कार्यों में तेंदूपत्ता का उपयोग काफी समय से होता रहा है। कोरबा जिले में इस प्रोडक्ट की काफी मांग है और इसके जरिए वन विभाग के साथ-साथ संग्रहण करने वाला वर्ग काफी कमाई करता है। वर्तमान में संग्राहक वर्ग से जुड़ी जानकारी अपडेट करने का काम चल रहा है। कोरकोमा में इसके नाम से अवैध वसूली की जा रही है। वन विभाग ने कहा है कि ऐसे मामले में निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
तेंदूपत्ता संग्रहण से संबंधित कामकाज बड़े पैमाने पर कोरबा के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में चलता रहा है। सरकार ने प्रति हजार पर दी जाने वाली कीमत पिछले वर्षों में बढ़ाई हैं और इसके माध्यम से संग्राहक वर्ग को ज्यादा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। खबर के मुताबिक वर्तमान में सभी संग्रहको से जुड़ी जानकारी अपडेट की जा रही है। इस काम को फ्री किया जाना है। इसके बावजूद कोरबा वन मंडल के अंतर्गत कोरकोमा में जानकारी अपडेट करने के नाम पर प्राथमिक लघु वनोपज समिति के कर्मचारी प्रति हितग्राही ₹60 की वसूली कर रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी एसएस कवर से हमने इस बारे में बातचीत की और पूरे मसले को जाना। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सभी तेंदूपत्ता संग्राहक का आधार पहले से ही लिंक है। दूसरी जानकारी अपडेट करने के लिए 15 कालम भरे जाने हैं और किसी भी तरह का शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है। कहीं से भी ऐसी शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विभिन्न विभागों में संचालित होने वाले कामकाज के मामले में बार-बार इसी प्रकार के दावे किए जाते रहे हैं कि इन सभी को पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना है। सुनने के लिए यह काफी अच्छा लगता है लेकिन पर्दे के पीछे कई प्रकार के खेल हो जाते हैं। सिस्टम से जुड़ी गड़बड़ी आखिर दूर क्यों नहीं हो पा रही है यह समझ से परे हैं।
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