acn18.com गुजरात/गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मरने वालों की तादाद सोमवार सुबह तक 140 से ज्यादा पहुंच गई है। मृतकों में 25 बच्चे भी शामिल हैं। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबे और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन पुल टूट गया।
143 साल पुराना यह पुल 6 महीने से बंद था। हाल ही में इसकी मरम्मत की गई थी। 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। रविवार होने की वजह से भीड़ ज्यादा हो गई। हादसे की यही वजह बताई जा रही है।
जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है। NDRF अफसर ने कहा कि इतनी मौतें पहली बार देखी हैं। नदी के मटमैले पानी में हमें लोगों को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने आशंका जताई कि पुल के नीचे भी शव फंसे हो सकते हैं।
केवड़िया पहुंचे मोदी भावुक हुए
PM मोदी केवड़िया में बोले- जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा, उनके परिवारों को प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। बचाव कार्य में NDRF, सेना और वायुसेना की टीमें लगी हुई हैं। लोगों को दिक्कतें कम हों, ये कोशिश है।
अब तक के बड़े अपडेट्स…
- सुबह भी आर्मी, NDRF और SDRF की टीमों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मच्छू नदी में पानी कम करने के लिए चेक डैम तोड़ा जा रहा है।
- मामले में ब्रिज की मैनेजमेंट कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। जांच के लिए कमेटी बनी है।
- PM मोदी का अहमदाबाद में होने वाला रोड शो रद्द। PM केवड़िया से मोरबी जा सकते हैं।
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चश्मदीदों की जुबानी, हादसे की भयावह कहानी
पहला चश्मदीद: 1000 से ज्यादा लोग मौजूद थे
इस हादसे में 8 लोगों की जान बचाने वाले चश्मदीद ने कहा- यहां हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। जो तैरना जानते थे, वो तैरकर बाहर आ रहे थे। बच्चे डूब रहे थे, हमने पहले उन्हें बचाया। उसके बाद बड़ों को निकाला। पाइप के सहारे लोगों को निकाल रहे थे।दूसरा चश्मदीद: गर्भवती की जान गई, जिंदगी में ऐसा नहीं देखा था
दूसरा चश्मदीद बोला- मैं यहां हर रविवार को चाय बेचता हूं। मैंने लोगों को तार से लटके देखा। इसके बाद वे फिसलने लगे। मैं रातभर नहीं सोया। पूरी रात लोगों को बचाने में जुटा रहा। मेरा दिल तब दहल गया, जब मैंने 7-8 महीने के गर्भवती की लाश देखी। मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं देखा।
तीसरी चश्मदीद: हादसे को शब्दों में बयां करना मुश्किल है
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हादसे के वक्त मौजूद चश्मदीद हसीना ने कहा- मैं हादसे को शब्दों में बयां नहीं कर सकती। वहां बच्चे भी थे। मैं अपने परिवार के जितने लोगों की मदद कर पाई, मैंने की। मैं लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए अपनी गाड़ी दे दी। मैंने जिंदगी में ऐसा मंजर नहीं देखा।
अफसर बोले- 100 की क्षमता थी, 500 लोग जमा हुए… हादसे की यही वजह
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मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे।
सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने भास्कर से हुई बातचीत में कहा कि यह पुल नगर निगम के दायरे में आता है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया।
- सक्ती, पुलिस विभाग द्वारा शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि