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छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर हंगामा जारी:मुख्यमंत्री भूपेश बोले- कांग्रेस तो जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देना चाहती है, भाजपा अपनी स्थिति स्पष्ट करे

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acn18.com रायपुर/ छत्तीसगढ़ में उच्च न्यायालय के आदेश से 58% आरक्षण रिवर्ट होने के बाद हंगामा जारी है। भाजपा ने सरकार पर बढ़े हुये आरक्षण का अदालत में बचाव नहीं कर पाने का आरोप लगाया है। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, कांग्रेस सभी वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देना चाहती है। इसके लिए हम काम भी कर रहे हैं। भाजपा आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे?

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पंडरिया विधानसभा में भेंट-मुलाकात से लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कहा, 2005 में भारत सरकार का आदेश आ गया था कि अनुसूचित जाति, जनजाति को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए। लेकिन रमन सिंह 2011 तक इसपर रोक लगाकर रखे थे। 2011 में जब आंदोलन हुआ तो 2012 में एक नोटिफिकेशन जारी किया। उसके बाद लोग कोर्ट गए, राज्य सरकार ने स्टे लिया। उसके बाद 2018 तक उनके पास मौका था, लेकिन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी उसकी रिपोर्ट में कोर्ट में नहीं रख पाए। ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में एक समिति बनी थी उस रिपोर्ट को भी कोर्ट में सबमिट नहीं किया। इन छह सालों में रमन सिंह सरकार ने किया क्या?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कांग्रेस ने जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की बात कही है। जिसका जितना हक है वह मिलना चाहिए। उसके लिए हम प्रयास भी कर रहे हैं। अभी जिस प्रकार से मंडल आयोग की सिफारिश है कि ओबीसी को 27% मिलना चाहिए, वह मिले। एससी की जनसंख्या 13% है तो उसे उतना मिले, एसटी की आबादी 32% है तो उसे उसके हिसाब से मिले। EWS का जो 10% आरक्षण संसद ने पारित किया था वह उस हिसाब से मिले। हमने तो 72% किया। हम हेड काउंट कर रहे हैं। पटेल की अध्यक्षता में हमने एक कमेटी बनाई है। वह रिपोर्ट तैयार कर रही है। उसकी रिपोर्ट भी हम कोर्ट में पेश करेंगे। हमारा प्रयास तो लगातार है जो हम दिखा रहे हैं। आगे भी हम लड़ाई लड़ेंगे। भाजपा आरक्षण के मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं करती। वह इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करे।

स्थानीय आरक्षण पर बोले, आदिवासियों का ख्याल रखेगी सरकार

बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में स्थानीय निवासियों का 100% आरक्षण खत्म होने पर भी मुख्यमंत्री से सवाल हुए। उन्होंने कहा, कोर्ट ने उसकी अधिसूचना को रद्द किया है। सरकार बस्तर और सरगुजा संभागों में आदिवासियों का ख्याल रखेगी। उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों सरकार की उस अधिसूचना को असंवैधानिक बता दिया था जिसके जरिए अधिसूचित जिलों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की जिला कॉडर नौकरियों को केवल स्थानीय मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया गया था।

रमन सिंह को राज्यपाल बनने की सलाह

भाजपा से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह को केंद्रीय नेतृत्व लगातार पीछे ढकेल रहा है। नये लोगों को सामने ला रहे हैं। यदि हमारे दृष्टिकोण से देखेंगे तो रमन सिंह का यहीं रहना हमारे लिये लाभदायक है। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कहें तो रमन सिंह को राजनीतिक भविष्य के लिए राज्यपाल बन जाना चाहिए।

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