acn18.com बस्तर / बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के दरबार में भक्तों का तांता लगा है। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन देर रात तक एक तरफ जहां जगदलपुर से लेकर दंतेवाड़ा तक सड़कें भक्तों की भीड़ से भरी हुईं थी, तो वहीं सारे सुविधा केंद्र (पंडाल) भी खचाखच भरे हुए मिले। पंडाल में जगह नहीं मिली तो भक्त सड़क किनारे दुकानों के सामने सोते हुए नजर आए।
कोरोना के बाद यह पहला ऐसा मौका है कि, शारदीय नवरात्र में माता के दर्शन करने भक्तों के लिए मंदिर के पट खोले गए हैं। इसलिए भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। हालांकि, जगदलपुर से लेकर दंतेवाड़ा तक सड़कों की बदहाली से पदयात्रियों काफी परेशान हुए। लोगों में काफी नाराजगी भी देखने को मिली। फिलहाल, अनुमान लगाया जा रहा है कि,पंचमी तक लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचेंगे।
इस बार 12 से 15 सुविधा केंद्र
दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने मिलकर पदयात्रियों की सुविधा के लिए करीब 12 से 15 सुविधा केंद्र खोले हैं। इन सुविधा केंद्रों में सामाजिक संस्था शिरडी साईं समिति, बाबा रामदेव सेवा समिति, साहू समाज, शिवम दुर्गोत्सव समिति समेत अन्य भी शामिल हैं। CRPF, पुलिस के जवान समेत कुछ अन्य लोगों ने भी अपनी इच्छा से कई जगह कैंप लगाकर सेवा कर रहे हैं।
मालिश की भी है व्यवस्था
खास बात यह है कि, इन सेवा केंद्रों में समिति के सदस्य निस्वार्थ भाव से 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां भोजन से लेकर फलाहार और मेडिकल की भी व्यवस्था है। इधर, शिरडी साईं समिति पंडाल जिले का इकलौता ऐसा पंडाल है जहां पर पदयात्रियों के पैरों की मालिश के लिए बिहार से लोग बुलाए गए हैं। इससे, पदयात्रियों को काफी राहत भी मिल रही है।
खराब सड़क बढ़ा रही परेशानी
दंतेवाड़ा जिले में हारम पारा तिराहा से लेकर जिला मुख्यालय तक करीब 12 किमी तक सड़कों की स्थिति ज्यादा खराब है। नेशनल हाईवे ने सड़कों की मरम्मत नहीं करवाई है। करीब 10 से ज्यादा जगहों पर सड़कें उखड़ी हुईं हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने नवरात्र से पहले डस्ट डाल कर गड्ढों को भरा था। लेकिन, बारिश की स्थिति पहले जैसी हो गई। अब इन गड्ढों को भरने के लिए प्रशासन बोरियां डाल दी है। लेकिन, परेशानी अब भी बरकरार है।
ट्रकों की आवाजाही बरकरार, हादसों का बढ़ा खतरा
गीदम में हारम पारा तिराहे पर भक्तों की जबरदस्त भीड़ होती है। इसकी मुख्य वजह यह है कि, यहां बीजापुर और जगदलपुर दोनों तरफ से पदयात्री पहुंचते हैं। इसी तिराहे से दंतेवाड़ा का रास्ता है। इधर, इस मार्ग से ट्रकों की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई गई है। सड़क भक्तों की भीड़ से भरी है, और ट्रक चालक इन्हीं सड़कों पर ट्रकें दौड़ा रहे हैं। ऐसे में हादसों का खतरा भी मंडरा रहा है।