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शंकराचार्य बोले- मोहम्मद साहब, ईसा के पूर्वज हिंदू:कहा- मैं साइन कर देता तो नरसिम्हा राव सरकार में ही राम मंदिर और मस्जिद बन जाते

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शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि सबके पूर्वज सनातनी, वैदिक और हिन्दू थे। मोहम्मद साहब, ईसा मसीह के भी पूर्वज सनातनी, वैदिक और हिन्दू ही थे। मोहम्मद साहब के पूर्वज कौन थे, ईसा मसीह के पूर्वज कौन थे, हिन्दू वैदिक सनातनी। पूर्वज तो सबके सनातनी वैदिक आर्य थे। इनके काल हैं या नहीं हैं। सनातन धर्म का समय है। इस कल्प में 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 49 हजार 122 वर्षों की हमारे यहां परम्परा है।

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गीता का आठवां अध्याय इस कल्प (समय चक्र मापने की इकाई) में सनातन धर्म की परम्परा में यह लिखा है। पृथ्वी की आयु भी इतनी ही है। इतनी पुरानी संस्कृति तो हमारे इस कल्प में है। जयपुर के मानसरोवर में अभिनन्दन माहेश्वरी समाज के कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती महाराज ने ये बातें कहीं।

शंकराचार्य ने कहा- ‘मेरे अलावा सभी शंकराचार्यों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार के कहने पर रामालय ट्रस्ट पर दस्तखत कर दिए थे। इसका लक्ष्य अयोध्या में मंदिर और मस्जिद दोनों बनाना था। अगर मैंने हस्ताक्षर कर दिया होता तो राम मंदिर के अगल-बगल और आमने-सामने मस्जिद नरसिम्हा राव के शासनकाल में ही बन गए होते।

योगी और सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बाबरी के बदले 5 एकड़ जमीन दे दी रामलला के मंदिर बनने का सुयोग साधने वाले मोदी-योगी नहीं गिने जाते। किसके हस्ताक्षर नहीं करने पर नरसिम्हा राव के शासनकाल में मंदिर-मस्जिद नहीं बना? मेरे। क्योंकि मंदिर के साथ-साथ अगल-बगल आमने सामने मस्जिद बनने की योजना थी। मुझे श्रेय नहीं चाहिए, लेकिन सत्य तो सत्य ही है।

बाकी सभी शंकराचार्यों-वैष्णवाचार्यों के हस्ताक्षर करने पर भी उस वक्त मंदिर नहीं बना। नरसिम्हा राव का स्टैंड था कि मंदिर के अगल-बगल और आमने सामने मस्जिद भी बने। आदित्यनाथ योगी, पार्लियामेंट और सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ जमीन दे दी। इस पर विचार करें।

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अयोध्या में यथास्थान मंदिर बनाने का अभियान चला। प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन कर शिलान्यास भी कर दिया। तब तक मुस्लिम पक्ष तटस्थ होकर देखता रहा। इन्होंने मंदिर का मानचित्र नक्शा भी बना लिया। अब मुस्लिम पक्ष को पार्लियामेंट, सुप्रीम कोर्ट और उत्तरप्रदेश शासन की ओर से 5 एकड़ भूमि वैध रूप से प्राप्त है। मक्का को भी मात करने की शैली में वो मस्जिद बना ही सकते हैं, बनाने का अभियान चला। उसी की नकल काशी और मथुरा में होगी।

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