दादर कला गांव के पास जंगल में गिरधारी यादव का नर कंकाल मिलने का मामला अभी तक सुलझा नहीं है। पुलिस ने नर कंकाल को इज्जत करने के साथ उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैबोरेट्री भेजना तय किया है। इस जांच से पता चलेगा कि उसकी मौत कैसे हुई थी।
दादर कला गांव का रहने वाला गिरधारी यादव 1 सितंबर को घर से निकला था और उसके बाद घर नहीं लौटा। 2 दिन की खोजबीन के बाद 3 सितंबर को परिजनों के द्वारा उरगा पुलिस थाना में लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लगभग एक पखवाड़े के बाद गांव के पास के जंगल में लोगों ने नर कंकाल देखा था जिसके बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। सीएसपी योगेश साहू ने बताया कि कपड़े और कुल्हाड़ी व अन्य सामान के जरिए नर कंकाल की पहचान गिरधारी यादव के रूप में की गई। आशंका जताई जा रही है कि किसी जानवर के हमले में उसकी मौत हुई होगी हालांकि स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं हुआ है। इसलिए वास्तविकता जानने के लिए ना कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
हालांकि गिरधारी यादव के परिजनों ने मौके पर मिले कपड़ों के आधार पर कंकाल को लेकर मान लिया है कि इसका कनेक्शन इस मामले से हो सकता है। फिर भी पुलिस किसी भी प्रकार के संदेह को बाकी नहीं रहने देना चाहती इसलिए उसके द्वारा नर कंकाल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैबोरेट्री भेजा जा रहा है। वहां से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर नर कंकाल के बारे में अंतिम रूप से राय निश्चित की जा सकेगी