छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के समय फूटे नागरिक आपूर्ति निगम-नान घोटाला केस में केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय-ED ने रायपुर की विशेष अदालत में आवेदन देकर सुनवाई रोकने की मांग की है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नान घाेटाला केस की जांच में ही फर्जीवाड़े और फोन टैपिंग के आरोपी IPS मुकेश गुप्ता का निलंबन खत्म कर दिया है।
नान घोटाले के तत्कालीन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्ट और दूसरे आरोपियों के खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। 15 सितम्बर को ED की ओर से पेश अधिवक्ता सौरभ कुमार पाण्डेय ने एक आवेदन पेश किया। इसमें कहा गया कि इसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय में भी एक मामला चल रहा है। 19 सितम्बर को सुनवाई की तारीख तय है। जब तक सर्वोच्च न्यायालय ED की याचिका पर कोई फैसला नहीं दे देता रायपुर की अदालत में सुनवाई को रोक दिया जाए। रायपुर की विशेष अदालत में अब इस मामले की सुनवाई 24 सितम्बर को होनी है। उसी में स्पष्ट होगा कि अदालत ने इस आवेदन पर क्या फैसला किया है।
इसके ठीक एक दिन बाद 16 सितम्बर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव संजीव कुमार ने निलंबित IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत देने वाला आदेश जारी किया। गृह मंत्रालय ने मुकेश गुप्ता का निलंबन रद्द कर दिया है। इसके लिए आधार यह दिया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज सभी मामलों और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर स्थगन दिया हुआ है। मुकेश गुप्ता 30 सितम्बर को सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं। ऐसे में उनके निलंबन समाप्ति के आदेश से महकमे की बेचैनी बढ़ा दी है। सरकार ने फरवरी 2019 में मुकेश गुप्ता को निलंबित किया था। उसके बाद उन पर एक के बाद एक करके तीन एफआईआर हुई।