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‘4 साल में 54 लोगों की मौत’:स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव बोले- बस्तर के 80 प्रतिशत लोगों में खून की कमी;2022 में सबसे ज्यादा मौतें

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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि, बस्तर के 80 प्रतिशत लोगों में खून की कमी है। यह आंकड़ा चिंता का विषय है। छत्तीसगढ़ में बस्तर पहला ऐसा इलाका है जहां के ऐसे हालात हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से कोशिश रहेगी की आंगनबाड़ी केंद्रों में, PDS दुकानों में मिलने वाले चावल में कुछ ऐसे पोषक तत्व शामिल किए जाएं, जिनमें ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार हों। जिससे लोगों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 से नीचे न हों।

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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि, पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे दूरस्थ अंचल में बस्तर के गांव बसे हुए हैं। पूरे बस्तर में गांव से लेकर शहर तक की 80 प्रतिशत की आबादी में खून की कमी है। उन्हें एनीमिया है। मंत्री ने कहा कि, शरीर में 11 ग्राम से नीचे खून का होना चिंताजनक है। डॉक्टर्स भी यह मानते हैं कि शरीर में यदि 6 ग्राम के नीचे खून है तो वह घातक है। उन्होंने कहा कि, मैं जगदलपुर के एक अस्पताल गया था। वहां एनीमिया पीड़ित एक बच्चा भर्ती था। जिसके शरीर में केवल 2 ग्राम ही खून था। बस्तर में ऐसे कई केस हैं।

हर 4 साल में होता है नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि, हर 3 से 4 सालों में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे होता है। यह आंकड़ा उसमें भी दर्ज है। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसी स्थित होती होगी। लेकिन हो सकता है कि पहले रिपोर्टिंग नहीं होती हो। सिंहदेव ने कहा कि, ऐसा माना जाता है कि बस्तर में अंडा-मांस खाने का प्रचलन है। लेकिन, यहां के लोग अब इससे दूर हो रहे हैं। वे प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन कम कर रहे हैं। यूथ फास्ट फूड ज्यादा खा रहे हैं जो बीमारी का कारण है।

अलग-अलग कारणों से हुई सुकमा में ग्रामीणों की मौत

स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया के सामने एक रिपोर्ट दिखाई, जिसमें उन्होंने बताया कि सुकमा जिले के रेगड़गट्टा में अलग-अलग बीमारियों से ग्रामीणों की मौत हुई है। 4 सालों में 54 लोगों के मौत की जानकारी दी गई है। जिसमें 2019 में 7, 2020 में 16, 2021 में 9 और 2022 में 22 लोगों की मौत का आंकड़ा है। साल 2020 और 2022 में मृत्युदर सामान्य से ज्यादा है।

सिंहदेव के मुताबिक, 20 साल से नीचे के कुल 9 लोगों की मौत हुई है। जिसमें 6 लड़की और 3 लड़के शामिल हैं। 21 से 40 साल की उम्र वालों में कुल 18 लोगों की मौत हुई है। इसमें 17 पुरूष और एक महिला है। 41 से 60 आयुवर्ग के 18 लोगों की मौत हुई है। जिसमें 14 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। सभी की अलग-अलग बीमारियों के चलते मौत हुई है।

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