*हरदी बाजार* कोरबा जिला के आदिवासी बाहुल्य ग्राम धौराभाठा रामपुर विकासखंड पाली जिला कोरबा के जनजाति छात्र छात्राओं को प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु में उफनती हुई पीतनी नदी से अपनी जान को जोखिम में डालकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा तथा शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भदरापारा एवं उतरदा पड़ता है । कोरोना काल के पूर्व दैनिक समाचार पत्रों के समाचार में यह खबर प्रकाशित होने पर शासन प्रशासन द्वारा आधा अधूरा रोड बनाया गया। जिसमें पूल बनाना भूल ही गए। इन छात्र-छात्राओं के लिए आजादी का अमृत महोत्सव अभी कोसों दूर महसूस हो रहा है। कई छात्र-छात्राएं इन समस्याओं के कारण अपने नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाते। जिससे वह अन्य छात्र छात्राओं से पिछड़ जाते हैं। संस्था के प्राचार्य जी पी लहरे ने बताया कि नदी में पानी अधिक होने पर इन छात्र छात्राओं को जान जोखिम में डालकर स्कूल नहीं आने की सलाह दी जाती है। छात्रा आकांक्षा सिदार कक्षा 12वीं ने बताया कि बरसात में हमें बहुत परेशानी होती है। चुंकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा हमारे गांव से तीन किलो मीटर में है इसलिए प्रायः छात्रा छात्राएं यहां पढ़ने जाते हैं। छात्रा अंजु जगत ने बताया कि नदी पार करते हमारे स्कूल के क्लर्क शीलू ध्रुव जिनका गांव धौरा भाठा है हमारे साथ रहते हैं।
इसी तरह ग्राम झांझ के आश्रित मोहल्ला गाड़ाघाट धनवार पारा के बहुमूल्य आदिवासी बच्चों के द्वारा पीतनी नदी पार कर स्कूल जाना पढ़ रहा है इसके लिए क्षेत्र के सरपंच चंद्रिका प्रसाद उइके व वार्ड 11 के पंच परदेशी राम धनवार ने मुख्यमंत्री के नाम से लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया था कि जल्द ही पीतनी नदी में पुलिया निर्माण कराया जाए जो कि आज तक नदी में पुल निर्माण नहीं हो पाया है बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर अपने कर्तव्य की ओर जाने के लिए मजबूर हैं ।।
*आजादी के अमृत महोत्सव 75 वर्ष बाद भी धौरा भाठा उतरदा के छात्र छात्राएं उफनती पितनी नदी से जान जोखिम में डालकर शिक्षा की प्यास बुझाने आते हैं स्कूल।*
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