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छत्तीसगढ़ः पेट्रोल-डीजल से महंगा हुआ प्रदेश में मिट्‌टी तेल, केंद्र से सब्सिडी खत्म होने के बाद रेट 104 रु. के पार

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acn18.com रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार मिट्‌टी तेल पेट्रोल और डीजल से भी महंगा हो गया है। केंद्र सरकार ने मिट्‌टी तेल पर पूरी तरह से सब्सिडी खत्म कर दी है। राज्य सरकार की ओर से भी इस पर कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है। इस वजह से इसकी कीमत पेट्रोलियम कंपनी के डिपो से 101 रुपए और राशन दुकान पहुंचते तक 104 रुपए हो गई है।

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रायपुर में अभी पेट्रोल 102.34 और डीजल 95.32 रुपए में बिक रहा है। यानी पेट्रोल-डीजल दोनों से महंगा मिट्‌टी तेल हो गया है। कीमत बढ़ने का सीधा असर इसकी खरीदी-बिक्री पर हो रहा है। शहर के किसी भी अधिकृत डीलर ने 1 जुलाई से अभी तक पेट्रोलियम डिपो से 1 लीटर भी मिट्‌टी तेल नहीं खरीदा है।

शहर के 132 से ज्यादा राशन दुकानदारों में कहीं भी मिट्‌टी तेल नहीं बिक रहा है। लोग राशन दुकानों से मिट्‌टी तेल खरीदने पहुंचते भी हैं तो कीमत सुनकर वापस लौट जाते हैं। मिट्‌टी तेल की कीमत इस साल लगातार बढ़ रही है। साल की शुरुआत में इसकी कीमत करीब 40 रुपए लीटर थी।

लेकिन इसके बाद लगातार कीमत बढ़ती गई। जून में कीमत 85 रुपए के आसपास पहुंच गई और जुलाई में कीमत 100 रुपए के पार हो गई। पिछले साल यानी जुलाई 2021 में मिट्‌टी तेल की कीमत 43.78 रुपए थी। केंद्र सरकार का दावा है कि उज्जवला गैस योजना के तहत लाखों सिलेंडर बांट दिए गए हैं।

इसलिए शहर ही नहीं दूरस्थ इलाकों में भी मिट्‌टी तेल की जरूरत नहीं है। इसलिए इस पर पूरी तरह से सब्सिडी खत्म कर दी गई है। हालांकि राज्य सरकारों के पास यह अधिकार है कि वे अपने राजकोष पर इस पर सब्सिडी दे सकती है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक इस पर किसी भी तरह की राहत देने की घोषणा नहीं की है।

रायपुर के किसी डीलर ने इस माह एक लीटर मिट्‌टी तेल भी नहीं उठाया, राशन दुकानदारों ने भी हाथ खींचे

राज्यभर में 14 लाख और रायपुर में 4 लाख लीटर की थी खपत
राज्यभर में 14 लाख लीटर और केवल रायपुर में 4 लाख लीटर से ज्यादा मिट्‌टी तेल की खपत थी। लेकिन जैसे-जैसे कीमत बढ़ती गई, खपत भी कम होती गई। अभी जुलाई में यह खपत शून्य हो गई है। डीलरों के पास जो पुराना स्टॉक है वे उसे ही बेच रहे हैं।

बड़े डीलरों की माने तो एक टैंकर में 12 हजार लीटर मिट्‌टी तेल आता है। पहले ही इसकी कीमत 2.25 लाख के आसपास होती थी। लेकिन जुलाई से इसकी कीमत 12 लाख से भी ज्यादा हो गई है।

नियमानुसार केवल 2 कामों के लिए कर सकते हैं उपयोग
छत्तीसगढ़ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मिट्‌टी तेल का उपयोग केवल दो कामों के लिए घरों में खाना पकाने और रोशनी के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा किसी तरह का उपयोग गैर कानूनी है।

सस्ता मिट्‌टी तेल मिलने की वजह से लोग इसे पेट्रोल-डीजल में मिलाकर गाड़ी चलाते थे। गाड़ियों के वर्कशॉप में पार्ट्स धोने में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा फैक्ट्रियों में भी कई कामों में मिट्‌टी तेल का उपयोग किया जाता था।

कोलकाता और मुंबई से महंगा रायपुर में, दिल्ली कैरोसिन फ्री
ऑयल मिनिस्ट्री के अनुसार देशभर में दिल्ली, आंध्रप्रदेश, पंजाब और हरियाणा को कैरोसिन फ्री सिटी घोषित कर दिया गया है। गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र ने केंद्र से मिलने वाले कैरोसिन के कोटे में एक बड़ी मात्रा स्वेच्छा से सरेंडर कर दी है। दिल्ली के अलावा 1 जून को कोलकाता में 87.38 रुपए, मुंबई में 83.59 और तमिलनाडु सरकार की ओर से 86 रुपए की सब्सिडी देने की वजह से वहां मिट्‌टी तेल 15 रुपए लीटर में बिक रहा है।

महंगा होने से डीलर भी नहीं खरीद रहे
सब्सिडी खत्म होने की वजह से पेट्रोलियम डिपो से 101 रुपए लीटर मिट्‌टी तेल मिल रहा है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा अलग है। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है कीमत भी बढ़ती जाती है। कीमत बढ़ने की वजह से डीलर फिलहाल खरीदी नहीं कर रहे हैं।
-तरुण कुमार राठौर,जिला खाद्य नियंत्रक

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