ACN18.COM जगदलपुर/ एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती बारिश के दिनों में और बढ़ गई है। बस्तर में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से जलप्रपात पूरी तरह शबाब पर है। इन दिनों चित्रकोट जलप्रपात का खूबसूरत नजारा देखने के लिए पर्यटकों की भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी पर स्थित यह चित्रकोट जलप्रपात जुलाई के महीने में ही अपनी अलौकिक छटा बिखेर रहा है। केवल देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं।
दरअसल, चित्रकोट जलप्रपात का आनंद लेने के लिए ज्यादातर अगस्त से लेकर अक्टूबर तक का महीना काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि, बारिश के इसी महीने में जलप्रपात अपनी अलौकिक छटा बिखेरता हुआ नजर आता है। लेकिन, इन बार जुलाई के शुरुआती दिनों में ही अच्छी बारिश हुई है। यही वजह है कि, जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही जलप्रपात का खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा है। इधर, कोई हादसा न हो सके इसलिए प्रशासन ने वॉटरफॉल के पास तार की जालियां लगा दी है। जवानों को भी तैनात किया गया है।
जगदलपुर से 39 किमी है दूर
संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से महज 39 किमी की दूरी पर चित्रकोट जलप्रपात स्थित है। जानकार बताते हैं कि, इस जलप्रपात का आकार घोड़े की नाल की तरह है। यहां इंद्रावती नदी का पानी लगभग 90 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। गर्मी के दिनों में पानी की सबसे कम लगभग 2 से 3 धाराएं तो वहीं बारिश के दिनों में 7 से ज्यादा धाराएं नीचे गिरती है। अभी बारिश में पानी का रंग लाल मटमैला सा हो गया है। यदि अन्य मौसम में देखें तो सफेद मोतियों की तरह पानी की बूंदें नीचे गिरती हुई नजर आती है।
सालभर शिवलिंग का होता है जलाभिषेक
लगभग 90 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले इस चित्रकोट वॉटरफॉल के नीचे एक छोटी सी गुफा में चट्टानों के बीच शिवलिंग स्थित है। जलप्रपात से नीचे गिरने वाले पानी से सालभर शिवलिंग का जलाभिषेक होता है। कहा जाता है कि नाविक यहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं। हालांकि, बारिश के दिनों में शिवलिंग तक पहुंचा नहीं जा सकता। लेकिन, गर्मियों में पर्यटकों के कहने पर ही नाविक शिवलिंग तक पर्यटकों को लेकर जाते हैं। इस जलप्रपात के नीचे शिवलिंग किसने और कब रखा इसकी अब तक किसी को कोई जानकारी नहीं है।
ऐसे पहुंचते सकते हैं पर्यटक
चित्रकोट वॉटरफॉल तक पहुंचना पर्यटकों के लिए काफी आसान है। राजधानी रायपुर से जगदलपुर और हैदराबाद से जगदलपुर तक हवाई सेवा से। इसके अलावा किरंदुल-विशाखापटनम रेल मार्ग से भी पर्यटक पहुंच सकते हैं। चित्रकोट वॉटरफॉल तक सड़कों का भी जाल बिछा हुआ है। रायपुर, ओडिशा, आंध्र प्रदेश से लेकर देश के किसी भी कोने से पर्यटक पहुंच सकते हैं। इन तीनों सेवाओं का लाभ लेने वाले पर्यटकों को पहले संभागीय मुख्यालय जगदलपुर आना पड़ता है, फिर वहां से सड़क मार्ग से होते हुए 39 किमी दूर स्थित जल प्रपात तक पहुंचा जा सकता है।
बिलासपुर में नर्स ने फांसी लगाई:अस्पताल में मोबाइल पर बात करते हुए रो रही थी, घर जाकर कर लिया सुसाइड