acn18.com कोरबा / कोरबा में इंसान और सांपो की जान बचाने के लिए कुछ युवा अपनी जान दांव पर लगा देते है। रेस्क्यू कॉल आने पर जान की परवाह किए बगैर लड़के और लड़कियां मौके पर पहुंचकर जहरीले सांपों का सुरक्षित रेस्क्यू करते हैं पिछले 2 महीनों में 2000 से भी अधिक जहरीले सांपों का रेस्क्यू किया जा चुका है महज 16 युवाओं की टीम के पास प्रतिदिन 50 से अधिक रेस्क्यू कॉल आते हैं ऐसे में उन्हें अपना काम छोड़कर सांप पकड़ने जाना पड़ता है।
Vo 1– कोरबा जिले का जंगल जैव विविधता से समृद्ध है यहां विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतुओं की मौजूदगी है साथ ही सांपों की तादाद भी बेहद अधिक है। हर मौसम में यहां जहरीले सांप निकलते हैं ऐसे में रेंगती मौत का खतरा बढ़ जाता है। सांपों और इंसानों की जान बचाने के लिए कोरबा में एक टीम काम कर रही है। इस टीम में 16 सदस्य हैं जिन्होंने सांप पकड़ने की विशेष ट्रेनिंग ली है।
रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी बताते हैं कि समय के साथ ही जिले में खास तौर पर रिहायशी इलाकों में सांप बड़ी तादात में निकल रहे हैं। जिसमें किंग कोबरा, करैत अहिराज जैसे बेहद जहरीले सांप शामिल है। इसके अलावा पाइथन, रेट स्नेक सहित विभिन्न प्रकार के कम जहरीले सांप भी देखे जाते हैं। यहां कोबरा की प्रजाति अधिक है जिसके काटने के बाद अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो मौत निश्चित है। कुछ साल पहले तक सांप निकलने पर उसे मार दिया जाता था। मगर जब से स्नैक रेस्क्यू टीम सक्रिय हुई है लोग जागरूक हुए हैं। जितेंद्र शास्त्री ने बताया कि पिछले 2 महीने के भीतर 2,000 से अधिक सांपों का रेस्क्यू किया जा चुका है वर्तमान में प्रतिदिन 50 रेस्क्यू कॉल आते हैं।
इस रेस्क्यू टीम में कुछ लड़कियां भी शामिल है जो सांपों को रेस्क्यू करने के लिए प्रशिक्षण लेकर काम कर रही हैं इस टीम के सक्रिय होने के बाद से सर्पदंश से मौत के मामले भी कम हुए हैं वही सांप भी सुरक्षित हैं दरअसल रेस्क्यू टीम द्वारा जिले भर में घूम कर रिहायशी इलाकों से सांपों को पकड़ा जाता है यह पूरा कार्य इनके द्वारा निशुल्क किया जाता है। टीम के सदस्य अपने काम के साथ ही रेस्क्यू के लिए वक्त निकालते हैं जो कि बेहद चुनौती भरा काम है 16 सदस्यों द्वारा बड़े 50 सांपों को पकड़ने मशक्कत की जाती है। इनके इस पहल से शहरवासियों को भी काफी लाभ मिल रहा है।
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