ACN18.COM कोरबा/ बिजली कंपनी सहित कई क्षेत्रों में काम करने वाले लोग भी ब्याज पर रुपए लेने के साथ परेशान हो रहे हैं। ऐसे लोगों की रकम लगातार बढ़ती जा रही हैं और उनके एटीएम पासबुक व अन्य चीजें सूदखोरों के कब्जे में है। पीड़ित लोग इन कारणों से आत्महत्या करने किस सिटी में पहुंच गए हैं। एक पीड़ित ने सीएसईबी पुलिस से शिकायत करते हुए सूदखोर से राहत दिलाने की मांग की है। पुलिस ने f.i.r. दर्ज करने के साथ जांच शुरू कर दी है।
विद्युत कंपनी में काम करने वाले गजानन राठौर ने वर्ष 2018 में पत्नी के इलाज के लिए मुढ़ापार में रहने वाले इरफान खान से ₹4 लाख रुपए 10% ब्याज पर लिया था। इसके बदले ब्याज देने वाले ने राठौर की पासबुक एटीएम के साथ-साथ इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड भी हासिल कर लिया। पिछले 4 वर्षों से वह पूरी रकम खुद डकार रहा है। अब तक राठौर 1000000 रुपए से ज्यादा दे चुका है लेकिन सूदखोर 12 लाखों रुपए बकाया बता रहा है।
राठौर ने बताया कि पूरी राशि निकालने के बाद सूदखोर उसे खर्चे के लिए आठ से ₹9000 रूपय देता है। लगातार ब्याज देते हो जरूरत से ज्यादा शोषण होने से वह परेशान है। राठौर समेत कई लोगों से सूदखोर फर्जी शपथ पत्र लेकर रखा हुआ है जिसमें नौकरी लगाने की बात लिखी गई है और इसकी आड़ में ब्लैकमेल किया जा रहा है।
लगातार इस तरह की हरकतों से पीड़ित परेशान है और उसने खुदकुशी करने की ठान ली थी, जिस पर उसके दोस्तों ने बचाया इसके बाद मामले की रिपोर्ट मानिकपुर पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई।
मानिकपुर चौकी प्रभारी लल्लन पटेल ने बताया कि इरफान खान के द्वारा ब्याज पर रुपए देने के बहाने लोगों को परेशान करने की शिकायत प्राप्त हुई है। इस पर अगली कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इससे पहले कोलफील्ड्स में काम करने वाले कर्मचारियों के द्वारा सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर इस तरह की शिकायतें पुलिस के पास दर्ज कराई जा चुकी हैं। कुछ मामलों में लोगों ने खुदकुशी भी कर ली है। इससे पहले की सूदखोरी के नए मामले को लेकर अनहोनी हो, पुलिस को कड़े कदम उठाने के लिए सोचना चाहिए।
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