ACN18.COM बिलासपुर/ पुलिस हमेशा हमारी जान और माल की रक्षा करती है। विवाद से लेकर बलवा तक जनता से लेकर नेताओं की सुरक्षा इनकी जवाबदारी है। हम पुलिस को गाहे-बगाहे पुलिस को कोसनें से भी नहीं चुकते मगर हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाते है जिससे आप को भी पुलिस की बेबसी पर तरस आएगा, आप को सोचनें के लिए मजबूर कर देगा की किन परिस्थितियों में पुलिस काम करती है वह भी बिना साधन और सुविधाओं के।
बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र का यह पुलिस सहायता केन्द्र है। तीन पुलिस कर्मचारियों के जिम्मे 22 गांव की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी इनके कंधो पर है। रोज दर्जनो फरियादी आते है। आरोपियों को भी लाया जाता है मगर यहां ना तो कारागार है ना ही मुजरिमों को रखनें की कोई जगह। कुर्सी के बैरिकेट्स ही अभिरक्षा गृह है।पुलिस सहायता केन्द्र की दशा देखिए छत से टपकते पानी हालात को बया कर रहा है। सवाल यह भी है कि ऐसे में पुलिस चुस्त कैसे रहेगी। ना तो पर्याप्त स्टॉफ है ना ही सर्व सुविधाय युक्त सहायता केन्द्र पुलिस के बड़े अधिकारियों को सोचनें की जरुरत है कि आखिर जिस पुलिस सहायता केन्द्र को खुद सहायता की जरुरत है वह लोंगो की कैसी सहायता कर सकेगी।
अधिकारियों को चाहिए,कि ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पुलिस सहायता केंद्र को व्यवस्थित करे ताकी पुलिस कर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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