ACN18.COM जांजगीर-चांपा/ छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग प्रमुख महन्त राम सुन्दर दास ने गौ सेवा में लापरवाही करने वालों पर नाराजगी जाहिर की। महंत दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने जिला जांजगीर-चांपा गए हुए थे। कार्यक्रम शिवरीनारायण मठ के नवनिर्मित बाड़े में हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के कोने-कोने से आए हुए गौशाला संचालकों को महंत की खरी-खरी सुनने को मिली।
गौशाला संचालकों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास ने कहा कि गोशालाओं के निरीक्षण के दौरान दु;ख तब लगता है जब गोशाला संचालक कूलर और पंखे लगे हुए कमरे में बैठे होते हैं और बेजुबान गौ माताएं कष्ट सहती रहती हैं। उचित मार्गदर्शन और दिशा निर्देश के बाद भी जब आप अपनी व्यवस्था में परिवर्तन नहीं करते हैं तब दुःख लगना स्वाभाविक है, हम सभी का कर्तव्य है कि जिस गौ माता के नाम से गौ सेवा आयोग से आपको अनुदान की राशि की प्राप्ति होती है उसका दुरुपयोग ना हो एक-एक पाई का सदुपयोग गौ माताओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हो।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी चाहते तो मुझे छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी निगम, मंडल, आयोग की जिम्मेदारी प्रदान कर सकते थे लेकिन उन्होंने चुनकर गौ सेवा आयोग प्रदान किया, यही एकमात्र ऐसा आयोग है जिसमें सेवा शब्द जुड़ा हुआ है। हम सब का कर्तव्य है कि इसे सेवा ही मान कर कार्य करें। इससे हमारा लोक और परलोक दोनों सुधर जाएगा, उन्होंने कहा कि यदि अनुदान में 15 दिन की देरी हो जाती है तो शिकवा- शिकायत वॉट्सऐप में लिखना प्रारंभ कर देते हैं आप लोग 20 वर्षों से गोशाला संचालित कर रहे हैं 15 दिन का भी सब्र नहीं कर सकते तो कैसे संचालक हैं?
महंत की बात को सभी गौशाला संचालकों ने समझा और आगे लापरवाह रवैय्या न रखने की बात कही। कार्यक्रम मेंगौ सेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि मानव की सेवा करना तो सौभाग्य की बात है लेकिन मूक प्राणी गौ माता की सेवा करना अपने आप में गौरव की बात है।
राशि का दुरूपयोग किया तो..
गौ सेवा आयोग के पंजीयक डॉ देवरस ने कहा कि गौ माता के अनुदान का दुरुपयोग ना करें इसका परिणाम इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में भुगतना ही पड़ेगा इसका समुचित सदुपयोग करें। गायों के चारे, शेड आदि की उचित व्यवस्था करें। इसकी जांच भी होगी।