ACN18.COM कोरबा /प्यास लगने पर कुआं खोदने वाली स्थिति ना आने पाए, इसलिए समय से पहले कोरबा जिले के आपदा प्रबंधन विभाग ने अतिवृष्टि के मद्देनजर तैयारियों पर ध्यान दिया है। विभाग तय करना चाहता है उसके संसाधन ठीकठाक है या नही। यही जानने के लिए विभाग ने संसाधन के साथ अपनी टीम को मानिकपुर पोखरी में उतारा। विभाग के अधिकारि ने तैयारियों पर संतोष जताया।
मौसम विभाग भविष्यवाणी के मामले में एक बार फिर नाकाम साबित होता नजर आ रहा है। सबसे पहले आने वाला मानसून एक तरह से बिछड़ता दिख रहा है। फिर भी हर कोई इस भरोसे में है कि देर सबेर मानसून अपना रंग दिखाएगा जरूर। वर्ष 2021 को हुई बारिश ने किसानों के साथ जल संसाधन विभाग और नागरिकों को भरपूर राहत देने का काम किया। इस वर्ष बारिश कैसी होगी, इसे लेकर केवल अटकलें लगाई जा रही हैं। इन सब से अलग हटकर सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग आगे की तैयारी को लेकर गंभीरता दिखा रहा है।
अधिक बारिश होने पर बाढ़ के खतरे पैदा होते हैं और कई प्रकार की चुनौतियां निर्मित हो जाती हैं। ऐसे में नदी नालों में लोगों के सामने और निचली बस्तियों में भी संकट के बादल घने हो जाते हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग को कई काम करने होते हैं। ऐसी ही परिस्थितियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूर्व अभ्यास करने के साथ क्षमता का आकलन कर रहा है। मानिकपुर पोखरी में उसके गोताखोर और संसाधन के साथ तैयारियों को अपडेट किया गया। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि हमारी मोटर बोट बिल्कुल अच्छी स्थिति में है।बताया गया कि 35 जवान गोताखोर ई में प्रशिक्षित है जबकि इनमें से दो को महाराष्ट्र के कोलाड में विशेष प्रशिक्षण दिलवाया गया है।
बारिश के मौसम में स्वाभाविक रूप से समस्याएं पैदा होती हैं और इन से पार पाने के लिए लोगों को क्षमता विकसित करनी पड़ती है। इन सब से अलग हटकर विशेष मामलों में आपदा प्रबंधन विभाग सहायता के लिए तत्पर रहता है। राज्य सरकार ने इस विभाग को मजबूत बनाने के लिए उसे काफी संसाधन मुहैया कराए हैं ताकि आपात स्थिति में लोगों की सहायता हो सके
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