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उद्धव सरकार पर संकट : शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे 25 विधायकों के साथ गुजरात में; मुख्यमंत्री का भी फोन नहीं उठा रहे

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महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट गहरा गया है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के कद्दावर मंत्री एकनाथ शिंदे 25 विधायकों के साथ गुजरात चले गए हैं। इनमें शिवसेना के 15 विधायक शामिल हैं, जबकि 10 निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायक हैं। शिवसेना में लगातार हो रही उपेक्षा से शिंदे नाराज चल रहे थे और कल शाम से ही मुख्यमंत्री उद्धव का फोन भी नहीं उठा रहे हैं। इधर, शिवसेना ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है।

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सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं सभी विधायक
दैनिक भास्कर को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं। सभी विधायक आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बड़ी घोषणा कर सकते हैं। दोपहर 2 बजे होटल से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। विधायकों को सूरत लाने में भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं का नाम सामने आ रहा है।

सूरत के जिस होटल में विधायक रूके हुए हैं, उस होटल के बाहर गुजरात पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।
सूरत के जिस होटल में विधायक रूके हुए हैं, उस होटल के बाहर गुजरात पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।

शिवसेना के कौन-कौन से विधायक गायब हैं?
सूत्रों के अनुसार शिंदे समेत शिवसेना के 15 विधायक सूरत के होटल में रूके हैं। इनमें शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे सातारा, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईर, संजय राठोड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैस्वाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं।

अगर विधायक बागी हुए, तो गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?
महाराष्ट्र में अगर शिवसेना के 15 विधायक बागी हुए, तो सरकार गिर सकती है। दरअसल, राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार बनाने के लिए 144 विधायक चाहिए, क्योंकि 1 सीट वर्तमान में खाली है। अगर, शिवसेना में फूट होती है, तो कांग्रेस के भी कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं।

एनसीपी अध्यक्ष उद्धव से मिले, संजय राउत का दिल्ली दौरा रद्द
सियासी उठापटक के बीच एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे से मातोश्री में मुलाकात की है। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है। राष्ट्रपति कैंडिडेट को लेकर आज शरद पवार के दिल्ली आवास पर बैठक में वे शामिल होने वाले थे।

राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद से चल रहे नाराज
एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के दिग्गज नेताओं में से है। जब 2019 में चुनाव का रिजल्ट आया था, तो शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। शिंदे ठाणे इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं और बाला ठाकरे के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र में राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को दरकिनार कर दिया, जिसके बाद से ही वे नाराज चल रहे थे।

राज्य में 10 विधानपरिषद सीटों के लिए सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2-2 सीट पर शिवसेना-एनसीपी और 1 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया था, जिसके बाद से ही सियासी सुगबुहाट शुरू हो गई थी।

नवंबर 2019 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामे के बाद नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला था। 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली थी।

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