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बोरवेल में गिरे मासूम का रेस्क्यू :88 घंटे से फंसा राहुल, अब VLC से उसे देख और सुनकर करेंगे ट्रेस; तैयारी शुरू

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ACN18.COM जांजगीर-चांपा /छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को 88 घंटे हो चुके हैं। उसको बचाने का प्रयास प्रशासन, सेना और NDRF की टीम कर रही है। बताया जा रहा है कि वे राहुल के काफी करीब है, लेकिन बार-बार चट्‌टान बाधा बन रही है। अब राहुल की सही लोकेशन ट्रेस करने के लिए VLC ( विक्टिम लोकेशन कैमरा) का इस्तेमाल किया जाएगा।

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बताया जा रहा है कि इसके लिए दीवार में एक बड़ा सा छेद किया गया है। इसी के सहारे कैमरे को अंदर डाला जाएगा। इस विशेष कैमरे से दीवार या चट्टानों के उस पार से आने वाली आवाजों को आसानी से सुना जा सकता है। कैमरे से आवाज सुनकर रेस्क्यू को आसान बनाया जाएगा। जवान इस VLC कैमरे की जांच कर आवश्यक तैयारी कर रहे हैं।

बोरवेल में VLC डालकर ट्रेस करने की तैयारी कर रहे हैं NDRF के जवान।
बोरवेल में VLC डालकर ट्रेस करने की तैयारी कर रहे हैं NDRF के जवान।

इससे पहले जवानों ने वायब्रेटर का इस्तेमाल किया था। वहीं राहुल की हालत फिलहाल ठीक नहीं है। उसे सुबह फ्रूटी पीने के लिए दी गई, पर उसने नहीं लिया। हालांकि प्रशासन का कहना है कि राहुल की हालत डल जरूर है, पर ठीक है। हम उसकी आवाज सुन पा रहे हैं। इस बीच कलेक्टर भी टनल देखने के लिए मौके पर पहुंचे। वहां से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।

कलेक्टर सुबह टनल का जायजा लेने पहुंचे।
कलेक्टर सुबह टनल का जायजा लेने पहुंचे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि मामला संवेदनशील है, इसलिए रेस्क्यू टीम सावधानी से आगे बढ़ रही है। चट्टानों का मुकाबला हम अपने फौलादी इरादों से कर रहे हैं। दूसरी ओर प्रशासन ने आसपास के 200 मीटर एरिया को खाली कराकर बैरिकेडिंग कर दी है। अब वहां पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।

राहुल को लोकेट करने के लिए NDRF ने VLC की व्यवस्था की है, जिससे उसकी सही लोकेशन का पता चल सके।
राहुल को लोकेट करने के लिए NDRF ने VLC की व्यवस्था की है, जिससे उसकी सही लोकेशन का पता चल सके।

NDRF की टीम ने देर रात टनल बनाने का काम पूरा कर लिया था। राहुल ऊपर की ओर फंसा है। ऐसे में अब नीचे से 4 फीट खुदाई और की जा रही है। इसी रास्ते में बड़ी चट्टान आ गई है। ड्रिल के बाद उसे मैनुअल तरीके से काटा जाएगा। इसके लिए VLC .यानी विक्टिम लोकेशन कैमरे की मदद ली जा रही है। इसकी मदद से दीवार या चट्टानों के पार देखा और आवाजों को सुना भी जा सकता है।

राहुल की जान को फिलहाल खतरा नहीं
सोमवार की देर रात कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया था कि राहुल शाम से बेहतर हालत में है। उसकी सांसें भी ठीक चल रही हैं। बच्चे की जान को खतरा नहीं है। अब हम कह सकते हैं कि अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके हैं। अगर कोई बड़ी चट्‌टान नहीं आई और अंदर ठीक रहा तो एक घंटे में बच्चे को निकाल लेंगे। हालांकि, मंगलवार सुबह से उसकी सेहत को लेकर कोई अपडेट नहीं है।

बोरवेल के पास ड्रिलिंग के लिए लाई गई बड़ी मशीनों का काम अब खत्म हो गया है। उन्हें हटाया जा रहा है।
बोरवेल के पास ड्रिलिंग के लिए लाई गई बड़ी मशीनों का काम अब खत्म हो गया है। उन्हें हटाया जा रहा है।

कॉरिडोर बनाया गया, अपोलो में भर्ती करेंगे
राहुल को निकालकर अस्पताल तक ले जाने की पूरी तैयारी हो गई है। राहुल को बाहर लाते ही एंबुलेंस से बिलासपुर लेकर जाएंगे। जहां अपोलो अस्पताल में उसे भर्ती किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहुल को रेस्क्यू के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ले जाने का काम पूरा हो गया है। अब बस उसके बाहर आने का इंतजार है। इसे लेकर मेडिकल टीम को अलर्ट कर दिया गया है।

कोरबा में राहुल की सलामती के लिए पुलिस की तरफ से महामृत्युंजय पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
कोरबा में राहुल की सलामती के लिए पुलिस की तरफ से महामृत्युंजय पाठ का आयोजन किया जा रहा है।

मंदिर में राहुल की सलामती के लिए पूजा
दूसरी ओर राहुल की सलामती को लेकर पूरा प्रदेश प्रार्थना और दुआएं कर रहा है। प्रदेश में जगह-जगह राहुल के लिए पूजा और हवन किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन जहां एक ओर बच्चे को रेस्क्यू करने के प्रयास में चार दिन से जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर कोरबा पुलिस की ओर से सर्वमंगला मंदिर में राहुल की सकुशल वापसी के लिए अखंड महामृत्युंजय पाठ का आयोजन किया गया है।

बोरवेल में गिरे राहुल साहू की फोटो, वह अपने माता-पिता का बड़ा बेटा है। उसके पिता की गांव में ही दुकान है।
बोरवेल में गिरे राहुल साहू की फोटो, वह अपने माता-पिता का बड़ा बेटा है। उसके पिता की गांव में ही दुकान है।

10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्‌ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्‌ढा 80 फीट गहरा है।

ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

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