ACN18.COM कोरबा/खाद्य सुरक्षा के लिहाज से किसी भी तरह की खाद्य सामग्री का विनिर्माण और विक्रय करने वाली पार्टियों को खाद्य लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है। इसके अभाव में सरकारी प्रावधानों के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती हैं। इसलिए खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ऐसे लोगों को लगातार जागरूक कर रहा है।
साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे सभी सामान जो किसी ना किसी रूप में खानपान में शामिल हैं, उनसे संबंधित निर्माता और विक्रेताओं को अधिकृत रूप से लाइसेंस लिया ही जाना चाहिए। इसके लिए सरकार ने कई नियम बनाए हैं और लाइसेंस प्रदान करने के लिए खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग को अधिकृत किया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरआर देवांगन ने बताया कि विभाग ऐसे लोगों को हमेशा अवगत कराता है ताकि वे लाइसेंस के साथ ही अपना काम करें। फिलहाल जिले में 5000 लोगों के पास लाइसेंस है जबकि कुछ आवेदन प्रक्रिया में शामिल है। बताया गया कि बिना लाइसेंस के अथवा अमानक खाद्य पदार्थ का निर्माण अथवा विक्रय करने के मामले में कार्रवाई करने के प्रावधान हैं। इसमें जुर्माना से लेकर सजा की भी व्यवस्था है।
खाद्य सुरक्षा लाइसेंस इस अवधारणा को मजबूत करता है कि जो लोग खानपान से संबंधित सामान तैयार करते हैं और उसे व्यवसायिक तौर पर बाजार में उतारते हैं, उसके लिए गुणवत्ता से लेकर अन्य सभी मानक नियम के अंतर्गत किए गए हैं। ऐसे में सभी तरह के जवाबदेही सुनिश्चित होती है। एक तरह से संबंधित लोगों को व्यवस्था को लेकर और ज्यादा जिम्मेदार बनाने से जुड़ा हुआ यह काम है, ताकि उपभोक्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ ना होने पाए।