ACN18.COM रायपुर। अगले महीने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर होने वाले प्रतिबंध को लेकर बाजार की धड़कनें बढ़ गई हैं। बाजार में अभी भी डिस्पोजल, चम्मच सहित सिंगल यूज प्लास्टिक का करीब पांच करोड़ का स्टाक जाम है। इसे देखते हुए प्लास्टिक निर्माताओं का कहना है कि इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इनकी मोटाई बढ़ाने पर जोर दिया जाए। साथ ही इसका कोई दूसरा विकल्प तलाशने के बाद ही पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। छत्तीसगढ़ प्लास्टिक निर्माता संघ ने तो अपनी मांगों को लेकर केंद्र को चिट्ठी भी लिखी है।
गौरतलब है कि पर्यावरण विभाग ने एक जुलाई से प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पालीस्टाइनिन थर्मोकोल, डिस्पोजल, चम्मच सहित 100 माइक्रान कम मोटाई वाले प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, मिठाई के डिब्बों, मिठाई के डिब्बों को लपेटेने वाली झिल्ली पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विभाग ने यह नए नियम जारी किए हैं।
यह है सिंगल यूज प्लास्टिक
जानकारों का कहना है कि प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सिंगल यूज प्लास्टिक को माना जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब है,एक प्लास्टिक की वस्तु जिसको डिस्पोज या रिसाइकिल से पहले एक काम के लिए एक ही बार उपयोग किया जाता है। पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना, समन्वय और प्लास्टिक के कचरे को अलग करना, करेक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।
नियमों का पालन होना चाहिए
पूर्ण प्रतिबंध की अपेक्षा इनकी मोटाई बढ़ाने पर जोर दिया जाए। हमारे व्यापारी संघ ने केंद्र को पत्र भी भेजा है। साथ ही नियमों उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। एसोसिएशन के सभी व्यापारियों से भी कह दिया है कि नियमों का पालन होना चाहिए।
-संतोष जैन, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्लास्टिक निर्माता संघ
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