ACN18.COM बिहार/ पुराने पेड़ों की देखभाल और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए बिहार के पूर्वी चंपारण में अनूठी पहल की गई है। यहां उम्र का शतक पूरा कर चुके पेड़ों को प्रतिमाह 400 रुपये पेंशन दी जा रही है। जिला प्रशासन ने इन पेड़ों को संरक्षक मानते हुए लोगों के सहयोग से इस अभिनव अभियान को शुरू किया है और इसका नाम ‘गार्जियन ट्री पेंशन स्कीम’ रखा है। पेड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी जीविका समूह की है और वही इस राशि से पेड़ों को संरक्षित कर रहा है।
जिलाधिकारी की पहल पर दिसंबर, 2021 में चंपारण के प्रहरी पुराने वृक्ष अभियान शुरू किया गया। इसमें 50 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ गार्जियन ट्री के रूप में चिन्हित किए जा रहे हैं। अब तक 10 हजार 837 पुराने पेड़ चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 100 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ों को पेंशन देने की शुरुआत की गई है। पहले चरण में मई, 2022 से 50 पेड़ों को पेंशन दी जा रही, जबकि जिले में 100 पेड़ों को पेंशन देने की योजना है।
पेंशन पाने वालों में सबसे पुराने 500 वर्ष के बरगद, पाकड़ व पीपल के पेड़ हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) मनरेगा अमित कुमार उपाध्याय ने बताया कि पेंशन की राशि जीविका समूह को दी जा रही है। इसका उपयोग पेड़ की देखभाल, उसके पास मिट्टी भराई, ईंट से घेराबंदी, सिंचाई, कीटनाशक का छिड़काव, पर्यावरण संबंधी जागरूकता और उस पेड़ के नीचे समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा। देखभाल की जिम्मेदारी निभाने वाले जीविका समूह को खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र देना होगा। निगरानी के लिए जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) को जिम्मेदारी दी गई है।
लोगों के सहयोग से जुटाई जा रही राशि: योजना में खर्च होने वाली राशि जुटाने के लिए डीआरडीए निदेशक व डीपीओ मनरेगा का संयुक्त बैंक खाता खोला गया है। इसमें व्यक्तिगत दान, कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से प्राप्त राशि, सामाजिक-व्यापारिक संगठनों से मिले दान को जमा किया जा रहा है। योजना के लिए इंडियन आयल कंपनी लिमिटेड ने 10 लाख रुपये दिए हैं।
बनाए गए हैं दो मोबाइल एप: चंपारण के प्रहरी पुराने वृक्ष अभियान के लिए जिला प्रशासन ने दो मोबाइल एप पर्यावरण प्रहरी और गार्जियन आफ चंपारण भी बनवाए हैं। पहले एप में चिन्हित पेड़ों की कई एंगल से तस्वीरें, लोकेशन, प्रजाति और अनुमानित उम्र की जानकारी अपलोड की जाती है। दूसरे एप के माध्यम से पुराने पेड़ों की लोग स्वेच्छा से देखभाल की जिम्मेदारी लेते हैं। आठ हजार से अधिक लोगों ने देखभाल की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को पेड़ों का महत्व भी बताया जा रहा है। चिन्हित गार्जियन ट्री: इनमें 4,051 पीपल, 847 बरगद, 950 पाकड़, 116 आम, 57 नीम, 44 इमली, 43 महुआ, 31 कदम, 20 जामुन और 18 अशोक के पेड़ सहित अन्य पेड़ हैं।
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