ACN18.COM कोरबा /बिजली कंपनी की राख से कोरबा शहर के पास पंडरीपानी गाँव मे जन स्वास्थ्य और फसल के लिए खतरा पैदा हो गया है। राखड़ बांध के उचित प्रबंधन नही होने से पूरे इलाके में वातावरण प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने इसे लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद भाजपा के शासनकाल में कोरबा शहर के मीटर 500 मेगावाट क्षमता का डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत केंद्र स्थापित किया गया था। कहां पर बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन बड़ी मात्रा में कोयला का उपयोग किया जाता है । यहां से उत्सर्जित होने वाली राख के सुरक्षित भंडारण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ऐश पौंड तैयार किया गया है । शिकायत है कि यहां पर राख को उड़ने से रोकने के लिए उचित प्रबंधन नहीं किया गया है । नाराज ग्रामीणों ने इसे लेकर प्रदर्शन शुरू किया है । सरपंच के प्रतिनिधि राम सिंह कंवर ने बताया कि बिजली कंपनी के द्वारा लगातार वादाखिलाफी की जा रही है ।
जबकि पंडरीपानी के रहने वाले नागेश्वर एकका ने आरोप लगाया कि सीएसईबी के द्वारा गांव में जो सुविधा देने की बात कही गई थी , इस पर अधिकारियों ने अमल नहीं किया । फिलहाल ग्रामीणों के द्वारा सांकेतिक प्रदर्शन किया जा रहा है। समस्या का समाधान नहीं होने की स्थिति में उन्होंने आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करने की घोषणा की है