ACN18.COM भिलाई/जिला अस्पताल में संचालित मदर चाइल्ड यूनिट में 25 बेड का एमएनसीयू (मदर एंड न्यूबोर्न केयर यूनिट) बनाया गया है। इस सेंटर में कम वजन वाले या किसी बीमारी से पीड़ित नवजात की मां को ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। इसीलिए इसे एसएनसीयू (स्पेशल चाइल्ड न्यूबोर्न केयर यूनिट) के बगल में बनाया गया है। एसएनसीयू 25 बेड का है, इसलिए एमएनसीयू में भी 25 बेड रखा गया है। इससे यहां भर्ती होने वाले बच्चे की मां को पहले जैसे घर से आना-जाना नहीं हो रहा है। घर की दूरी ज्यादा होने से दिक्कत भी हो रही थी। अब उन्हें राहत मिलेगी।
ज्यादा समय तक मां के साथ रह सकेंगे नवजात
एमएनसीयू संचालित होने से बच्चे अपनी मां के साथ ज्यादा समय तक रह रहे हैं। क्योंकि उनके वार्ड के बगल में ही मां के रहने से मां से बाहरी इंफेक्शन का खतरा कम हो गया है। फीडिंग के समय बच्चे को उसकी मां को दे दिया जाता है। डॉक्टरों से निर्धारित समय के बाद पुन: एसएनसीयू में रख देते हैं।
सीएचसी से बच्चे दुर्ग ही रेफर, मिलेगी इससे राहत
मदर चाइल्ड यूनिट में संचालित एसएनसीयू जिले का सबसे बड़ा एसएनसीयू है। जिले के 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से अल्प आयु या कम वजन के बच्चे यहीं रेफर किए जाते हैं। उन्हें भर्ती होने पर मां को काफी परेशानी होती रही है। इस सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी राहत मिली है।
एसएनसीयू में अत्याधुनिक मशीनें, ट्रेड कर्मी भी हैं
25 बेड के एसएनसीयू में फोटो थेरेपी और वार्मर के साथ ही बाई पैप और सी पैप भी लगा हुआ है। यहां पदस्थ सभी कर्मी को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाई गई है। किसी बच्चे को रेफर के लिए विशेष प्रकार का सेफ्टी उपकरण भी मौजूद है। नवजात बच्चे को इसमें रखकर उसे सुरक्षित हायर सेंटर भेजा जाता है।