ACN18.COM कोरबा/अप्रैल के प्रथम सप्ताह से रमजान की शुरुआत हुई थी। 30 दिनों की समाप्ति के बाद मुस्लिम धर्म को मानने वालों ने 3 मई को ईद उल फितर बनाया और मस्जिदों में नमाज अदा की। इससे पहले चांद दिखाई देने की पुष्टि नियमों के अंतर्गत की गई। रोजा पूरे होने के बाद मुस्लिम समाज ने ईद उल फितर त्योहार मनाया। इस मौके पर कोरबा की जामा मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में लोग जुटे और ईद की नमाज अदा की।
इस पर्व के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत सहित विभिन्न दलों के कार्यकर्ता एमपी नगर स्थित हाजी अखलाक खान के निवास पर पहुंचे जहां उन्होंने बधाई दी । डॉ महेंद्र बताया कि एक ही दिन 3: त्योहार हैं यह अपने आप में महत्वपूर्ण है।
हाजी अखलाक खान ने बताया कि एक ही दिन अलग अलग संस्कृति के रंग देखने को मिल रहे हैं । इसलिए भारत पूरी दुनिया में सबसे अलग पहचान रखता है।
जानकारों के अनुसार मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया गया था, इसी दिन को मीठी ईद या ईद-उल-फितर के रुप में मनाया जाता है।
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