सरकारी अव्यवस्था की भेंट चढ़ी दो ज़िंदगियां — पहाड़ी कोरवा महिला व नवजात की मौत, संस्थागत प्रसव पर सवाल
कोरबा/चुइया —
सरकारी अस्पताल की लापरवाही और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था ने एक आदिवासी परिवार की खुशी को मात में बदल दिया। विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समाज की महिला और उसके नवजात शिशु की प्रसव के दौरान मौत हो गई। यह घटना कोरबा विकासखंड के ग्राम पंचायत चुइया के आश्रित ग्राम भटगांव की है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।
🟥 डॉक्टर नदारद, महिला कर्मचारी के भरोसे प्रसव
मृतका मंघाई बाई, पति अमर सिंह पहाड़ी कोरवा के साथ पहली बार मां बनने जा रही थी। शादी के 11 वर्षों बाद उनके घर किलकारी गूंजने की आस से पूरा परिवार खुश था। रविवार 11 जून को जब महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तब परिजन उसे महतारी एक्सप्रेस से अजगरबहार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। अस्पताल में डॉक्टर अनुपस्थित थे, और वहां मौजूद एकमात्र महिला स्वास्थ्यकर्मी (संभावित स्टाफ नर्स) ने ही प्रसव कराया।
प्रसव के दौरान महिला की हालत लगातार बिगड़ती रही। उसने एक मृत शिशु को जन्म दिया। इसके थोड़ी देर बाद मंघाई बाई की तबीयत अचानक खराब हो गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने की तैयारी की गई, पर संजीवनी एक्सप्रेस के पहुंचने तक महिला की मौत हो चुकी थी।
🟠 RMO ने दी सफाई, पर कई सवाल अनुत्तरित
अस्पताल में पदस्थ आरएमओ के अनुसार, प्रसव बीएमओ और चिकित्सक के दिशा-निर्देश पर हुआ। उनका कहना है कि महिला नशे की हालत में थी, और बीपी बढ़ने से मौत हुई। लेकिन यदि महिला की स्थिति गंभीर थी, तो पुलिस को सूचना देना अनिवार्य था। जबकि, ऐसा नहीं किया गया। परिजनों ने शव को घर ले जाकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली, जिससे कई अहम तथ्यों पर पर्दा पड़ गया।
🔴 संस्थागत प्रसव की असलियत उजागर
इस दर्दनाक घटना ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि अवकाश के दिनों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ही मौजूद नहीं होते। नतीजतन, जटिल मामलों में भी स्टाफ नर्स और अन्य कर्मचारी ही इलाज या प्रसव के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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🚨 प्रशासन से उठे सवाल
• प्रसव के समय डॉक्टर क्यों नहीं मौजूद थे?
• यदि महिला नशे की हालत में थी तो पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई?
• क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध थीं?
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🕯️ दुख में डूबा परिवार
मृतका के पति अमर सिंह पहाड़ी कोरवा ने बताया कि पहली बार घर में बच्चा आने की उम्मीद थी। पूरी बिरादरी में खुशी का माहौल था, लेकिन अस्पताल की लापरवाही ने सब कुछ छीन लिया। अब सवाल यह है कि क्या किसी की जवाबदेही तय होगी?